भारतीय सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद होने पर पूरा देश गम में है। लेकिन भारत की त्रासदी पर भी चीन का मीडिया राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा। चीन की सरकार के मुख पत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने जनरल बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई मौत को भारतीय सेना की कमियां बताया है। इस सरकारी अखबार ने इसे लेकर एक आर्टिकल लिखा है और उसमें जनरल रावत को 'चीन विरोधी' कहा है।

चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि जनरल बिपिन रावत के हवाई दुर्घटना में मारे जाने से भारतीय सेना के आधुनिकीकरण को तगड़ा झटका लगा है। अखबार ने लिखा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के रक्षा प्रमुख की मौत ने न केवल भारतीय सेना के अनुशासन और युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर किया है, बल्कि देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका दिया है जिससे भारत लंबे समय तक नहीं उबर पाएगा।

चीनी विश्लेषकों ने जनरल रावत को चीन विरोधी करार देते हुए कहा है कि चीन विरोधी शीर्ष रक्षा अधिकारी के निधन के बावजूद भी भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में चीन के प्रति भारत के आक्रामक रुख में बदलाव की कोई संभावना नहीं है।

ग्लोबल टाइम्स ने जनरल रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश को मानवीय भूल बताते हुए लिखा है कि Mi-17V5 रूसी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल व्यापक रूप से कई देशों द्वारा होता है। अखबार ने अपने विश्लेषकों के हवाले से यह भी लिखा है कि दुर्घटना के सभी संभावित कारण रूसी हेलीकॉप्टर के बजाय मानवीय कारकों की ओर इशारा करते हैं।

ग्लोबल टाइम्स ने एक अज्ञात चीनी सैन्य विशेषज्ञ का हवाला देते हुए लिखा है कि भारत को एक ढीली और अनुशासनहीन सैन्य संस्कृति के लिए जाना जाता है। भारतीय सैनिक अक्सर मानक संचालन प्रक्रियाओं और नियमों का पालन नहीं करते हैं।

गौरतलब है कि सीडीएस रावत चीनी आक्रामकता के खिलाफ काफी मुखर थे। उन्होंने 2017 में दोनों देशों के बीच डोकलाम में जारी विवाद का नेतृत्व किया। 2020 में गलवान में चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने में भी जनरल रावत ने अहम भूमिका निभाई थी।