
भारत को परेशान करने के बाद चीन अब ताईवान के पीछे पड़ गया है और पर कब्जा करना चाहता है। इसको लेकर अब दक्षिण चीन सागर में चीन और ताइवान के बीच तनाव गहरा गया है। सैटलाइट से तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीन की सेना ने ताइवान पर 'कब्जे' की तैयारी और तेज कर दी है। चीन ने ताइवान के तट के पास पानी और जमीन दोनों पर ही चलने में सक्षम जंगी जहाज और मोबाइल मिसाइल लॉन्चर तैनात किए हैं। चीन ने अभी कुछ दिन पहले ही परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल का परीक्षण भी किया था। यही नहीं चीन लगातार ताइवान के एयरस्पेस में अपने फाइटर जेट भेज रहा है। ताइवान पर मंडराते खतरे को देखते हुए अमेरिकी नौसेना ने भी इस इलाके में अपनी गश्त बढ़ा दी है।
चीन का कहना है कि ताइवान उसका हिस्सा है और वह हर कीमत पर उसे अपने साथ मिलाकर रहेगा। इसके लिए चाहे चीन को युद्ध ही क्यों न करना पड़े। अब सैटलाइट से मिली तस्वीरों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने सैन्य वाहनों को ईस्टर्न थिएटर कमांड के तहत आने वाले तटीय शहरों की ओर ले जा रही है। इसके अलावा मिसाइल लॉन्चर्स को भी ताइवान के किसी भी ठिकाने को बर्बाद करने के लिए तैनात किया जा रहा है। अगर सैन्य ताकत की बात करें तो ताइवान के पास 140,000 सैनिक हैं और चीन के पास करीब 10 लाख। ताइवान के पास 350 फाइटर जेट हैं और चीन के पास 1500।
पिछले दिनों अपने एक भाषण में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था, 'हम इसका वादा नहीं करेंगे कि हम शक्ति या सभी विकल्पों के विचार का इस्तेमाल नहीं करेंगे।' चीन अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री के ताइवान दौरे से भी भड़का हुआ है। उधर, चीन के फाइटर प्लेन और बमवर्षक विमान विवादित दक्षिण चीन सागर में कई अभ्यास कर चुके हैं। चीन ने अब टाइप 05 आर्मर्ड वीइकल को तैनात किया है जो जमीन और पानी दोनों पर ही चलने में सक्षम है। इस पर सवार होकर चीनी सैनिक समुद्र के रास्ते ताइवान पर हमला कर सकते हैं।
चीन की सेना ने अपने बेहद शक्तिशाली कहे जाने वाले PCL191 रॉकेट लॉन्चर को भी ताइवान के पास तैनात किया है। इस रॉकेट की रेंज करीब 350 किमी है। चीन से ताइवान की दूरी मात्र 180 किलोमीटर ही है। ऐसे में चीनी सेना की रॉकेट फोर्स ताइवान में कहर बरपा सकती है। इस रॉकेट की मदद से चीन की सेना ताइवान के सैन्य ठिकानों और सरकारी बिल्डिंगों को आसानी से बेहद सटीक तरीके से निशाना बना सकती है। इसी रॉकेट को चीन ने भारत की सीमा पर लद्दाख में भी तैनात कर रखा है।
चीन के खतरे को देखते हुए ताइवान ने भी जंग की तैयारी तेज कर दी है। पिछले महीने ही ताइवान ने जोरदार युद्धाभ्यास किया था। इसके अलावा ताइवान ने अपने 200 नौसैनिकों को प्रतास द्वीप समूह पर भेजा है। यह द्वीप समूह ताइवान से 445 किमी दूर है और चीन से 300 किमी दूर है। माना जा रहा है कि चीन इस द्वीप पर कब्जे का प्रयास कर सकता है। चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिका ने भी दक्षिण चीन सागर में अपनी गश्त बढ़ा दी है। अमेरिका के जासूसी विमान और सैटलाइट लगातार चीन की सेना पर नजर रख रहे हैं। चीन की सबमरीन की भी निगरानी की जा रही है।
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