पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव भारत-चीन के बीच विवाद जारी है। चीन ने शर्त रखी थी कि पहले भारतीय सेना पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऐडवांस्‍ड पोजिशंस से वापस जाए। वहीं भारत ने साफ कह दिया है कि वह अपनी सेनाएं तब ही पीछे हटाएगा, जब चीन भी वापस लौटेगा। 

भारत ने चीन को कहा है कि अगर सेनाएं हटेंगी तो दोनों तरफ से हटेंगी। सूत्रों के अनुसार भारत ने चीनी अतिक्रमण का जवाब देने के लिए सात जगह पर लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल को पार किया है। गौरतलब है कि अगस्‍त के आखिर में भारतीय सैनिकों ने चुशूल सब-सेक्‍टर में अपने पेट्रोलिंग पॉइंट्स से आगे जाकर ऐडवांस्‍ड पोजिशंस पर पैठ बना ली थी। अब इस इलाके में भारत का दबदबा है क्‍योंकि न सिर्फ उसकी नजर स्‍पांगुर गैप पर है, बल्कि मोल्‍दो में चीनी टुकड़ी भी उसकी निगाह में है। जिसके बाद चीन के तेवर बदले हुए हैं।

भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि अभी एलएसी पर हालात वैसे ही बने हुए हैं, लेकिन अब धीरे धीरे ठंड बढ़ रही है। कई जगह पर तापमान माइनस 10 तक पहुंच गया है और नवंबर-दिसंबर में यह माइनस 30 से माइनस 40 तक हो जाएगा। मुमकिन है कि उस वक्त चीन अपने सैनिकों की संख्या कुछ कम करे। ईस्टर्न लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया में फिंगर-4 के पास, पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे रिजांग ला, रिचिंग ला के पास भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। इसके अलावा पीपी-17 और डेपसांग एरिया में भी दोनों देशों के सैनिक आमने सामने हैं। डेपसांग में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पेट्रोलिंग रोकी हुई है।