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भारतीय सीमा पर तैनान सैनिकों के लिए चीन एडवांस बॉडी आर्मर बना रहा है। गलवान वैली में 15 जून की रात को हुई हिंसक झड़प के बाद अब चीन अपने सैनिकों के लिए एडवांस बॉडी आर्मर डिवेलप कर रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सिक्स जनरेशन बॉडी आर्मर डिवेलप कर रही है। इन्हें खास तौर पर तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट (टीएमडी) में तैनात सैनिकों को दिया जाएगा। तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट एलएसी के पास का इलाका है।
जो एडवांस आर्मर बनाए जा रहे हैं ये शरीर के ऊपरी हिस्से को कवर करने के साथ ही हाथों को और शरीर के संवेदनशील हिस्सों को कवर करेंगे। इंटेलिजेंस एजेंसी सूत्रों के मुताबिक चीन सिर्फ अपने सैनिकों के लिए एडवांस बॉडी आर्मर ही नहीं बना रहा है बल्कि वह भारतीय सैनिकों को दिए गए सेफ्टी गियर के सैंपल भी लेने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में भारत-चीन बॉर्डर पर तैनात भारतीय सैनिकों को भी नए सेफ्टी गियर (बॉडी आर्मर) दिए गए हैं।
ईस्टर्न लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव के बीच 15 जून को दोनों देशों के बीच हुई खूनी झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीन के भी कई सैनिकों की जानें गई थीं और कई घायल हुए थे। इस झड़प के दौरान चीन के सैनिकों के डंडों और पत्थरों का इस्तेमाल किया। एलएसी पर मई और जून के महीने में गलवान और पैंगोंग त्सो के अलावा कई और जगहों पर भी झड़प हुई और कई झड़पें पूरी रात चलीं। दोनों देशों के बीच हुए कई समझौतों के मुताबिक कोशिश हमेशा यह की जाती है कि एलएसी पर हथियारों का इस्तेमाल ना हो।
15 जून को गलवान में हुई हिंसक झड़प में भी भारतीय सैनिकों ने हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया। हालांकि इस पर बाद में सवाल भी उठे जिसके बाद कहा गया कि अब अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कभी इस तरह के हालात पैदा होते हैं कि सैनिकों को हथियार का इस्तेमाल करना पड़े तो वह हथियार इस्तेमाल कर सकेंगे। सरकार ने आर्मी को खुली छूट दी और कहा है कि चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए जो भी जरूरी हो वह कदम उठाएं।
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