भारत-चीन की सेना के बीच पिछले साल गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद बौखलाया ड्रेगन इसका बदला भारत में ब्लैकआउट कर लेना चाहता था। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सैनिकों से झड़प में मात खाने के बाद चीन ने भारत में साइबर अटैक की कोशिश की थी। 

यही नहीं उसके इस साइबर अटैक की वजह से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक दिन के लिए ब्लैक आउट हो गया था। पूरे शहर में बत्ती गुल हो गई थी और कोरोना काल में अस्पतालों में जनरेटर से काम चलाना पड़ा था। गलवान हिंसा के चार महीने बाद मुंबई में अचानक बिजली गुल होने की वजह से ट्रेनें बंद हो गई थीं और स्टॉक मार्केट भी ठप हो गया था। बत्ती गुल होने से शहर के 2 करोड़ लोग अंधेरे में डूब गए थे। यह वही दौर था जब भारत में कोरोना अपने चरम पर जा रहा था। बीते साल 12 अक्टूबर को मुंबई में ब्लैकआउट हुआ था। अब एक नए अध्ययन से यह पता लगा है कि ये सब घटनाएं आपस में जुड़ी थीं।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने यह योजना बना ली थी कि अगर गलवान में भारत दबाव बनाता है तो वह पूरे देश को अंधेरे में डूबा देगा, जिसके चलते चीनी मैलवेयर भारत में बिजली सप्लाई के कंट्रोल सिस्टम में घुस चुके थे। इसमें हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन और थर्मल पावर प्लांट भी शामिल थे। यह सब घटनाएं चीन के एक बड़े साइबर अभियान का हिस्सा था, जिसका मकसद भारत के पावर ग्रिड को ठप करना था।

चीनी साइबर अटैक का खुलासा अमेरिकी साइबर फर्म ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने किया। हालांकि, कंपनी ने यह भी पाया कि अधिकतर मैलवेयर कभी ऐक्टिवेट नहीं हुए। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर स्टुअर्ट सोलोमन ने बताया कि कैसे चीन की कंपनी ‘रेड इको’ ने साइबर हमले की एडवांस तकनीक का सहारा लेकर भारत के करीब एक दर्जन पावर ग्रिड को गुपचुप तरीके से कंट्रोल करने की कोशिश की।