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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के वीगर मुसलमानों को लेकर दिए गए बयान से चीन बुरी तरह झल्लाया हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर वीगर मुसलमानों पर अत्याचार के आरोप को खारिज किया। हालांकिए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जिस तरह से झुंझलाते हुए जवाब दिया वो काफी हैरान करने वाला था।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन में कोई जनसंहार नहीं हुआ है। उन्होंने जरूरी बातों को तीन बार दोहराया जाना चाहिए। दरअसल अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा था कि चीन वीगर मुसलमानों के खिलाफ जनसंहार को अंजाम दे रहा है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने वीगर मुसलमानों के साथ चीन के बर्ताव की आलोचना की थी। ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री रहे माइक पोम्पियो ने भी अपने कार्यकाल के आखिरी दिन चीन के वीगर मुसलमानों के साथ अत्याचार को जनसंहार की संज्ञा दी थी। माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन शिनजियांग प्रांत में वीगर मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों को निशाना बनाते हुए जनसंहार कर रहा है और मानवता के खिलाफ अपराधों को अंजाम दे रहा है। चीन ने पोम्पियो के बयान को लेकर भी कड़ा ऐतराज जताया था।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकेंन ने भी बुधवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पोम्पियो के बयान से सहमति जताई। ब्लिंकेन ने कहा कि मेरा मत रहा है कि वीगर मुसलमानों के खिलाफ जनसंहार को अंजाम दिया गया है और मेरे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
अंतरराष्ट्रीय संगठनों की तमाम रिपोर्ट्स में चीन के शिनजियांग प्रांत में वीगर मुसलमानों के साथ भेदभाव और उन्हें प्रताड़ित किए जाने की बात सामने आती रही है। चीन वीगर मुसलमानों को प्रशिक्षण कैंप के बहाने डिटेंशन सेंटर में कैद करके रखता है और इसे आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग का हिस्सा करार देता है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ने गुरुवार को कहा कि शिनजियान तरक्की कर रहा है कि उसकी अर्थव्यवस्था उभार पर है और लोगों के जीवन का स्तर ऊंचा हुआ है। चीन ने शिनजियांग में जीवन को शांतिपूर्ण और स्थिर बताया और झाओ ने कहा चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले कि वे शिनजियांग की स्थिरता को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं और ना ही वे शिनजियांग को बेहतर भविष्य की तरफ आगे बढ़ने से रोक सकते हैं।
बाइडेन सरकार में मध्यपूर्व समेत विदेश नीति में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि चीन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की कई नीतियां जारी रह सकती हैं। अमेरिका-चीन के संबंधों को लेकर ब्लिंकेन ने कहा कि ये दुनिया में किसी भी देश के साथ हमारा सबसे अहम रिश्ता है। इस रिश्ते के कई नकारात्मक पहलू भी हैं। चीन के साथ हमारा रिश्ता प्रतिस्पर्धी वाला भी है और सहयोग वाला भी। चीन के साथ हमारे कई विवाद हैं और उन पर काम करने की जरूरत है।
चीन की मीडिया में छपे विश्लेषण में भी कहा जा रहा है कि अमेरिका की बाइडेन सरकार भी चीन को काउंटर करने के लिए ट्रंप की इंडो-पैसेफिक रणनीति को आगे बढ़ाएगी। इंडो-पैसेफिक रणनीति में भारत की भी अहम भूमिका है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉइड ऑस्टिन का पड़ोसी देशों के साथ संवाद बाइडेन के चीन के प्रति रुख को स्पष्ट करता है। ऑस्टिन का अपने कार्यकाल के दूसरे दिन भारतीय समकक्ष से बात करना दिखाता है कि बाइडेन सरकार भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाना चाहती है और चीन से जुड़े मुद्दे पर भी भारत के साथ साझेदारी मजबूत करने की इच्छुक है।
चीन को लग रहा है कि बाइडेन प्रशासन भी क्वैड को मजबूत करने की कोशिश करेगा। इसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने भी एक बयान में कहा है कि अमेरिका भारत का मुख्य रक्षा साझेदार बना रहेगाऔर क्वैड के जरिए रक्षा सहयोग के दायरे को और बढ़ाया जाएगा। वहीं चीन को लेकर ऑस्टिन ने कहा कि चीन पहले से ही इलाके में मनमानी कर रहा है और अब वो पूरी दुनिया पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है। उन्होंने एशिया और दुनिया भर में चीन की दादागिरी वाली गतिविधियों का भी जिक्र किया था।
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