भारत के लिए चिंता बढ़ने वाली है क्योंकि पड़ोसी दुश्मन देश चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) अब तीसरे कार्यकाल के लिए नामित किए जाने वाले हैं। इस हेतु कम्युनिस्ट पार्टी इस हफ्ते एक खास सम्मेलन कर रही है। बीजिंग में शुरू हो रही एक उच्च स्तरीय बैठक में पार्टी के 100 साल के इतिहास का आधिकारिक तौर पर पुनर्मूल्यांकन करने वाला एक संकल्प जारी किया जाएगा। इसके बाद शी जिनपिंग को जो माओत्से तुंग (Mao Zedong) और देंग शियाओपिंग के बाद चीन का एक युगांतरकारी नेता घोषित किया जा सकता है। यह बैठक 11 नवंबर तक चलेगी।

न्यूजीलैंड में स्थित चीन के इतिहासकार गेरेमी आर बर्मे ने कहा कि वर्तमान समय में कोई भी चीनी नेता शी जिनपिंग की तरह चीन के इतिहास में वैसी जगह नहीं बना पाया है। यह बैठक कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग के इर्द-गिर्द चीन के लिए एक नया टाइमस्केप बनाने के बारे में है। पार्टी अतीत के विकास को लेकर भविष्य में उनके लिए और जनाधार बढ़ाना चाहती है।

शी जिनपिंग इस दशक में चीन के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने देश में फैले भ्रष्टाचार और गरीबी के खिलाफ निर्णायक काम भी किया है। चीन की ताकत को दुनिया के सामने पेश करने के लिए शी जिनपिंग को व्यापक जनसमर्थन भी मिला है। युगांतकारी नेता घोषित होने के बाद शी जिनपिंग के खिलाफ बयानबाजी को चीन में अपराध की श्रेणी में डाला जा सकता है। ऐसे में उनके खिलाफ उठी हर आवाज को दबा दिया जाएगा। कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली में शी जिनपिंग को हीरो की तरह चित्रित किया जा रहा है।

2018 में संविधान में हुए एक अहम संशोधन के मद्देनजर शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की संभावना है। सीपीसी की अगले साल होने वाली कांग्रेस से पहले पूर्ण सत्र आयोजित किया जा रहा है। कांग्रेस में नये नेता की नियुक्ति हो सकती है। शी को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारी दो कार्यकाल पूरा होने के बाद सेवानिवृत्त हो सकते हैं जिनमें प्रधानमंत्री ली क्विंग भी शामिल हैं।