भारत समेत पड़ोसी देशों के बच्चों को जलवायु परिवर्तन का खतरा सबसे अधिक है। यह उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनकी शिक्षा और सुरक्षा पर प्रभाव डाल रहा है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान में रहने वाले छोटे बच्चों एवं युवाओं को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सबसे अधिक खतरा है। 

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में 65 देशों को खतरे का आस-पास बताया गया है। यूनिसेफ की रिपोर्ट द क्लाइमेट क्राइसिस इज ए चाइल्ड राइट्स क्राइसिस: इंट्रोड्यूसिंग द चिल्ड्रन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (सीसीआरआई) यूनिसेफ में इसका जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भारत उन चार दक्षिण एशियाई देशों में शामिल हैं, जहां बच्चों पर जलवायु संकट का अत्यधिक जोखिम है। 65 देशों में से इनकी रैकिंग क्रमश:14, 15, 15 और 26 है। नेपाल जहां 51वें स्थान पर है, वहीं श्रीलंका 61वें स्थान पर है।

दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया-अडजेई ने कहा कि पहली बार हमारे पास दक्षिण एशिया में लाखों बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के स्पष्ट प्रमाण हैं। उन्होंने आगे कहा, एक साथ, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी ने दक्षिण एशियाई बच्चों के लिए एक खतरनाक संकट पैदा कर दिया है। दक्षिण एशिया 60 करोड़ से अधिक बच्चों का घर है और विश्व स्तर पर यहां युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। दक्षिण एशियाई देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए विश्व स्तर पर सबसे कमजोर देशों में से हैं।