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किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर लाखों की ठगी के मामले में कोलकाता पुलिस ने दो युवकों को सुपौल जिले के गौरवगढ़ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों में सुभाष और सूरज है। हालांकि गिरोह का मास्टरमांड फरार चल रहा है। आरोप है कि 55.80 लाख रुपया लेने के बाद भी किडनी ट्रांसप्लांट नहीं किया। इससे पीड़ित के बेटे की मौत हो गई।
थानाध्यक्ष विनोद सिंह ने बताया कि 10 अक्टूबर 2018 को फरक्का थाना में गोविंदा प्रमणिक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बड़ा बेटा तन्मय प्रमणिक (32) किडनी के बीमारी से ग्रसित था। उसे मालदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जांच के बाद डॉक्टरों ने किडनी बदलने की सलाह दी। इसी दौरान जालसाजों ने किडनी ट्रांसप्लांट की कुछ फर्जी फोटोग्राफ और नर्सिंग होम का फोटो भेजकर उसे झांसे में लेकर ठगी कर ली।
बताया कि इसी सिलसिले में फरक्का से एसआई विजन राय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पुलिस टीम आई थी। सदर थाना पुलिस के सहयोग से गिरोह में शामिल दो युवक को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। बताया जा हरा है कि बेचन राम का पुत्र सुभाष राम और उपेन्द्र यादव का पुत्र सूरज दोनों ही पढ़ाई करता है। हालांकि युवकों का कहना है कि तीन-चार साल पहले उसके ही एक परिचित आधार कार्ड लेकर खाता खुलवाया था। लेकिन एटीएम उसी के पास है। पैसे कहां से आए उसे इसकी जानकारी नहीं है।
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