पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चननी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के मामले में पुनर्विचार करने और पहले की स्थिति बहाल करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने 11 अक्तूबर को जारी अधिसूचना से पहले की स्थिति बहाल करने का अनुरोध किया है। 

उन्होंने प्रधानमंत्री (PM) से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मुलाकात का समय भी मांगा है। पंजाब सरकार के आज यहां जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि बीएसएफ (BSF) को प्रशिक्षित किया जाता है उसका मुख्य कार्य-अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा व रक्षा की प्रथम पंक्ति-करने के लिए। जबकि पुलिस का काम सीमा के अंदर काम करना है। 

पंजाब पुलिस (Punjab police) राज्य में कानून एवं व्यवस्था संभालने में पूरी तरह सक्षम है। इसके अलावा पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में आतंकवाद का मुकाबला भी अतीत में करती रही है। पत्र में लिखा है कि पुलिस व बीएसएफ के बीच बेहतरीन समन्वय होने के कारण ही निकट अतीत में नशा तस्कर हों या आतंकवादी मोड्यूल, कई सफल संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है। 

मुख्यमंत्री (CM) ने समूचे मामले की समीक्षा पर जोर देते हुए कहा है कि वर्तमान व्यवस्था को बदलने का केंद्र सरकार के लिए कोई न्यायोचित्त कारण नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि कानून एवं व्यवस्था व पुलिस राज्य के विषय हैं और पुलिस के अधिकार सीमा सुरक्षा बल को देना राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण है। उन्होंने कहा कि इस तरह केंद्र सरकार संघवाद की भावना को कमजोर कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की 11 अक्तूबर की अधिसूचना के अनुसार पंजाब, असम व पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र का दायरा सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया है। 

पंजाब की पाकिस्तान (Pakistan) के साथ 425 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है और पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरण तारण, फिरोजपुर, फजिल्का का 80 फीसदी क्षेत्रफल भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में आता है।