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कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों का चक्का जाम किया। यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर देश के बाकी राज्यों में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ये चक्का जाम बुलाया गया था। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ बातचीत नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि देश की मिट्टी से किसानों को जोड़ेंगे। नए युग का जन्म होगा।
बहरहाल, दिल्ली से सटे शाहजहांपुर, सिंघु, गाजीपुर, टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन चल रहा है। चक्का जाम के दौरान प्रदर्शनकारियों ने शाहजहांपुर सीमा (राजस्थान-हरियाणा) के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। वहीं हरियाणा के पलवल के पास अटोहन चौक पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। उधर, दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों द्वारा किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए शनिवार को लाल किले को एक अभेद्य किले में बदल दिया। इसके चारों ओर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और कीचड़ से भरे ट्रकों को खड़ा किया गया है। किसानों द्वारा किए गए देशव्यापी ‘चक्का जाम’ के मद्देनजर एहतियात के तौर पर बोल्डर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
लालकिले को लेकर की गई तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद कर रहे हैं। दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने शहीदी पार्क का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी बात की। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न रणनीतिक बिंदुओं पर 55,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए की गई ‘फ्लैश मॉब’ की अपील जैसी स्थितियों से निपटने की भी तैयार की है। राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है, जहां किसान बीते साल 26 नवंबर से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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