भारत की एंटीट्रस्ट बॉडी ने शुक्रवार को Amazon की फ्यूचर ग्रुप के साथ 2019 की डील को सस्पेंड कर दिया है। ये कदम उन आरोपों की समीक्षा के बाद उठाया गया है जिसमें कहा गया था कि Amazon ने डील के समय कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई थी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) द्वारा ये कदम लंबे समय तक Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच चली कानूनी लड़ाई के बाद लिया है। इससे Amazon को बड़ा झटका लगा है। दूसरा झटका भी CCI ने Amazon 200 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक कर दिया है।

CCI के आदेश में क्या है?

अपने 57 पेज के आदेश में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने कहा कि "ये आवश्यक है इस डील की जांच हो जब तक जांच पूरी नहीं होती तब तक 2019 में हुई डील स्थगित रहेगी। Amazon पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी ठोका गया है। अधिनियम की धारा 45 की उपधारा (2) के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने Amazon को आदेश दिया है कि वो 60 दिनों के भीतर जवाब दे। तब तक इस डील पर रोक लगी रहेगी।"

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने आगे अपने आदेश में कहा है कि 'Amazon ने डील के लिए मंजूरी लेने के दौरान डील के "वास्तविक स्कोप को कम करके दिखाया" और झूठे और गलत बयान भी दिया।'

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का आदेश तब आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन की याचिका पर भी सुनवाई करने के लिए सहमति जताई थी, और उसे नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि फ्यूचर ग्रुप में Amazon ने 49 फीसदी हिस्सा खरीदा था। इसके लिए Amazon ने वर्ष 2019 में इस ग्रुप के साथ 1431 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इसके साथ Amazon को ये अधिकार मिला था कि भविष्य में यदि फ्यूचर ग्रुप कंपनी की हिस्सेदारी बेचेगा तो Amazon के पास उसे खरीदने का पहला हक होगा।

2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपनी हिस्सेदारी रिलायंस को 24500 करोड़ रुपये में बेच दिया। इससे Amazon ने फ्यूचर ग्रुप पर डील के उल्लंघन का आरोप लगाया। वहीं फ्यूचर ग्रुप ने Amazon पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था। इसके बाद फ्यूचर ग्रुप और Amazon में लंबे समय तक कानून लड़ाई भी चली। इसको लेकर फ्यूचर ग्रुप ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र भी लिखा था जिसके बाद CCI का आदेश सामने आया है।