/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2022/01/08/01-1641625693.jpg)
तमिलनाडु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां की निचली अदालत (tamilnadu court) ने 'भगवान' को कोर्ट में पेश (Summon to God) होने के लिए कहा। हालांकि बाद में निचली अदालत के इस फैसले को मद्रास हाई कोर्ट (madras high court) ने पलट दिया है।
बता दें कि तमिलनाडु के प्राचीन मंदिरों से कई बेशकीमती मूर्तियां चोरी हुईं हैं। इसमें मूलवर मूर्ति भी शामिल है। हालांकि पुलिस ने मूर्ति को ढूंढ निकाला। फिर पूरे रीति-रिवाज के साथ मंदिर में स्थापित कर दिया, लेकिन उस स्थापना के बाद निचले कोर्ट (tamilnadu court) के जज ने कह दिया कि मूर्ति का निरीक्षण करना जरूरी है। ऐसे में उस निरीक्षण के लिए उन्होंने मूर्ति को कोर्ट में पेश करने को कह दिया।
जज के आदेश का पालन करने के लिए स्थापित मूर्ति को हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन ये देख स्थानीय लोग नाराज हो गए और एक शख्स ने हाई कोर्ट (madras high court) में याचिका दायर कर दी। वो याचिका इसी बात को लेकर थी कि कोई मूर्ति को कैसे समन भेज सकता है। अब हाई कोर्ट ने अपना गुस्सा जाहिर कर दिया है। उनकी तरफ से कहा गया है कि वे हैरान हैं कि कोई जज ऐसा फैसला कैसे सुना सकता है। हाई कोर्ट ने जोर देकर कहा है कि ऐसे मामलों में एक जज द्वारा एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया जा सकता था। ऐसे में एडवोकेट कमिश्नर मंदिर अधिकारियों संग मिलकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सकते थे। ऐसा होने पर भक्तों की श्रद्धा का मान भी हो जाता और मूर्ति का निरीक्षण भी सफल रहता।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |