नई दिली । भले ही सरकार यह दाव कर रही है कोल ड्रॉप रेट घटा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है । जुलाई महीने में कॉल ड्रॉप रेट पिछले 11 महीने के टॉप पर पहुंच गई है । ट्राई के आंकडों के अनुसार जुलाई में कॉल ड्रॉप रेट 0.75 फीसदी के लेवल यर पहुंच गया है । जो कि पिछले 11 महीने का सबसे ज्यादा लेवल है । 

इसके पहले अगस्त 2016  में कॉल ड्रॉप रेट 0.77 फीसदी के लेवल पर थी । ट्राई द्वारा तैयार की  गई रिपोर्ट के अनुसार देश में 5 राज्य ऐसे हैं, जहाँ अभी औसत से ज्यादा कॉल ड्रॉप है। इसके तहत असम, बिहार; मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं । इन राज्यों में केवल ड्रॉप रेट जुलाई महीने में 1-2 फीसदी के लेवल पर है ।

जो  कि औसत 0.75 फीसदी के लेवल से कहीं ज्यादा है। कॉल ड्रॉप रेट के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन सरकारी  कंपनियों बीएसएनएलऔर एमटीएनएल का रहा है । जुलाई के महीने में एमटीएनएल का कॉल ड्रॉप रेट जहाँ टेलिकॉम रेगयुलेटर ट्राई के अनुसार कॉल ड्रॉप पर 2 फीसदी बेंचमार्क होना चाहिए । साथ ही उसे किसी भी हालत में 3 फीसदी के लेवल से ज्यादा नहीं होना चाहिए ।

ऐसे में मौजूदा लेवल ट्राई के लेवल से कहीं बेहतर है । इसके बाबजूद ट्राई को कस्टमर के तरफ से कॉल ड्रॉप को लेकर शिकायते लगातार मिल रही है । जिसके बाद उसने कॉल ड्रॉप चेक करने के तरीके में बदलाव किया है । जो कि एक अक्टूबर से लागू हो रहा हैं ।