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सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए प्राकृतिक खेती के लिए अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को सहायता देने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर 10,000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
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सीतारमण ने कहा कि गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) योजना के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा। इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या कलस्टर आधारित संयंत्र हैं जिन पर कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये होगी।
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वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्राकृतिक और बायोगैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए पांच प्रतिशत का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा। उन्होंने कहा, बायो-मास के संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए उपयुक्त राजकोषीय सहायता प्रदान की जाएगी। ‘पृथ्वी माता के पुनर्रूद्धार, इसके प्रति जागरुकता, पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों को रासायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया जाएगा।
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