Budget 2021 में भारत के Defence Budget को बढ़ाया गया है जो कि एक मामले में चीन से बहुत आगे है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का बजट 2021-2022 पेश किया। इस बजट में जिस बात ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, वो है रक्षा बजट। हालांकि रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी ही की गई है, लेकिन ये बजट असल में दुनिया के कई देशों की कुल जीडीपी से भी ज्यादा है। यही नहीं, जीडीपी परसेंटेज की बात करें तो भारत अपने बजट का पड़ोसी मुल्क चीन से कहीं ज्यादा बड़ा हिस्सा अपनी रक्षा जरूरतों पर खर्च करता है। इस साल पिछले साल के मुकाबले 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी रक्षा बजट में की गई है।

भारत सरकार ने अपने कुल बजट का 2.21 फीसदी हिस्सा रक्षा क्षेत्र के लिए रखा है। वहीं, चीन का रक्षा बजट उसकी कुल जीडीपी का 1.5 फीसदी से अधिक नहीं होता। हालांकि असल आंकड़ों की बात आती है, तो चीन का रक्षा बजट भारत की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा होता है। पिछले साल चीन का रक्षा बजट 261 बिलियन डॉलर था, जबकि भारत का रक्षा बजट बाद की बढ़ोतरी के बावजूद 71 बिलियन डॉलर तक ही रह गया। भारत सरकार ने पिछले साल आपात खरीदी के तौर पर बड़ी घनराशि खर्च की थी।

दुनिया में रक्षा मामलों पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत जीडीपी के हिसाब से रक्षा बजट के मामले में टॉप 15 में भी नहीं है। दरअसल, दुनिया के कई देश छोटे तो हैं, लेकिन वो अपनी जीडीपी का बड़ा हिस्सा रक्षा जरूरतों को पूरा करने में खर्च करते हैं। हालांकि इसमें सउदी अरब जैसे देशों का नाम भी शामिल है, जो भारत की तरह ही दुनिया के रक्षा बाजार का बड़ा खरीददार है। दुनिया में ओमान अपने कुल बजट का 8.8% हिस्सा रक्षा क्षेत्र में खर्च करता है, और इस लिस्ट में सबसे ऊपर है। वहीं, सऊदी अरब इस मामले में दूसरे नंबर पर है और वो अपनी कुल जीडीपी का 8 फीसदी हिस्सा रक्षा क्षेत्र में खर्च करता है। इस लिस्ट में इजरायल भी अक्सर आगे रहता है, वो हर साल अपने रक्षा बजट को कुल बजट के मुकाबले 7 से 7.5% रखता है। वहीं भारत का रक्षा बजट कभी 2.5% से ऊपर नहीं गया। इस बार भारत का रक्षा बजट 2.21% रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर रक्षा बजट को बढ़ाने की घोषणा की। यह लगातार 7वां साल है जब मोदी सरकार ने रक्षा बजट को बढ़ाया है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि साल 2021-22 में रक्षा बजट के लिए 4 लाख 78 हजार 196 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में रक्षा मंत्रालय को 4,78,195.62 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें से अगर पेंशन की राशि हटा दी जाए तो यह करीब 3.62 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल के मुकाबले 7.4 प्रतिशत ज्यादा है।

पिछले साल मोदी सरकार ने रक्षा बजट के लिए 4.71 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जो इस साल बढ़कर 4.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है। पेंशन को अलग करने के बाद यह राशि पिछले साल 3.37 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस साल बढ़कर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

निर्मला सीतारमण देश की रक्षा मंत्री भी रही हैं। ऐसे में उन्हें पता है कि भारत के रक्षा क्षेत्र में ज्यादा पैसों की जरूरत है यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार न सिर्फ रक्षा बजट बढ़ाया गया है, बल्कि आपात खरीदी के लिए भी अलग से धन का इंतजाम किया गया है।