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दुनिया की सबसे घातक और सबसे तेज उड़ने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को अब उत्तर प्रदेश में बनाया जाएगा। इसके लिए लखनऊ में 80 एकड़ की जमीन चिन्हित कर ली गई है। इसे लेकर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और रूसी कंपनी NPOM के बीच एमओयू भी हो चुका है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात का जिक्र किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस कॉरिडोर के विकास से उत्तर प्रदेश देश की सुरक्षा व्यवस्था और रक्षा उपकरणों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। देश के दूसरे डिफेंस कॉरिडोर में अगले तीन साल में अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण होने लगेगा। शुरू में 100 से अधिक मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया गया है। पांच से सात साल में 900 करोड़ रुपये की मिसाइलों के उत्पादन का टारगेट है।
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DRDO और NPOM में एमओयू हो चुका है। ये संस्थाएं शुरू में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इसके लिए कॉरिडोर के लखनऊ नोड में 80 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। 26 दिसंबर 2021 को इसका शिलान्यास भी हो चुका है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के विशेष कार्याधिकारी दुर्गेश उपाध्याय ने बातया कि पूर्व घोषित उत्तर प्रदेश डिफेंस एंड एयरोस्पेस एम्प्लॉयमेंट प्रमोशन पॉलिसी के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में निवेशकों के हित में और भी कई नीतिगत बदलाव किए हैं। ये सभी बदलाव यूपीडा की वेबसाइट पर हैं। इन बदलावों से डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए और निवेशक आकर्षित होंगे। डिफेंस कॉरिडोर परियोजना को गति मिले। इसमें निवेश करने वालों को पूंजी की दिक्कत न आए। इसलिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सिडबी, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से एमओयू कर चुका है।
डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के सिलसिले में 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया था। इस आयोजन में 70 देशों की रक्षा उपकरणों के उत्पादन से जुड़ी करीब 1029 कंपनियों ने भाग लिया था। इसमें 172 कंपनियां विदेश की थीं। उस समय 22 एमओयू हुए थे। इसी वजह से उस समय इसे देश का सबसे बड़ा डिफेंस एग्जिबिशन प्लेटफॉर्म माना गया था। यही नहीं इसकी तुलना वैश्विक स्तर पर भी उच्च कोटि में की गई थी। बाद में यूपीडीआईसी ने 2021 में एयरो इंडिया 2021 में भाग लिया था। उस आयोजन में रक्षा उपकरणों से जुड़ी 17 कंपनियों ने यूपीडा के साथ एमओयू हुए थे। अब तक यूपीडा से कुल 93 कंपनियां एमओयू कर चुकी हैं। इससे 11256 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। 30 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है, 27 को दी भी जा चुकी है।
डिफेंस कॉरिडोर में कुल छह (झांसी, चित्रकूट, कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ और आगरा) नोड्स हैं। यूनिट लगाने वालों के लिए अब तक करीब 1643 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जा चुकी है। इसमें से करीब 1600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। निवेश के लिए कुल 93 एमओयू भी हो चुके हैं। इसमें से 72 इंडस्ट्रियल इकाइयों से और 21 संस्थाओं के साथ किए गए हैं। सर्वाधिक 35 एमओयू अलीगढ़ नोड्स के लिए हुए हैं। लखनऊ, कानपुर, झांसी और आगरा नोड्स के लिए क्रमशः 15, 12, 9 और 2 एमओयू हुए हैं। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। भविष्य में ब्रह्मोस-2 मिसाइल लाने की योजना है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। इसमें स्क्रैमजेट इंजन लगाया जाएगा। इसकी गति मैक-7 यानी 8,575 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। इसे जहाज, पनडुब्बी, विमान या जमीन पर लगाए गए लॉन्चपैड से दागा जा सकेगा।
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समुद्र से दागने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के चार वैरिएंट्स हैं। पहला- युद्धपोत से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट, दूसरा युद्धपोत से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट। ये दोनों ही वैरिएंट भारतीय नौसेना में पहले से ऑपरेशनल हैं। तीसरा- पनडुब्बी से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट। सफल परीक्षण हो चुका है। चौथा- पनडुब्बी से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट।
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