अंधविश्वास भारत में गहरी जड़े जमाए हुए है। भारत देश में सबसे ज्यादा अंधविश्वास के कारण कई लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ती है। इसी तरह से बच्चे भी अंधविश्वास के शिकार हो जाते हैं। हाल ही में अंधविश्वास की एक तस्वीर देखने को मिली है। जहां महज 30 दिनों के नवजात बच्चे को माता-पिता ने हांसी समाधा मंदिर में साधुत्व के लिए दान कर दिया है।


30 दिन के नवजात के दान करने के  कार्यक्रम के लिए मंदिर में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। मंदिर के महंतों की मौजूदगी में नवजात को मंदिर के गद्दीनशीन के सुपुर्द करने की रस्म पूरी की गई। जब सोशल मीडिया में यह खबर फैली तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने अंधविश्वास में डूबे बच्चे के माता-पिता व मंदिर महंत को चौकी में तलब कर लिया है। पुलिस कार्रवाई को देख परिवार ने बच्चा मंदिर से वापस ले लिया व उसकी परवरिश का भी वादा किया है।

बता दें कि समाधा मंदिर में कुछ लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर बच्चे को पूर्व में भी चढ़ा देते हैं। डडल पार्क निवासी फ्रूट व्यापारी ने अपने एक महीने के बच्चे को मंदिर में चढ़ाया और गद्दीनशीन के सुपुर्द करने की रस्म करने के बाद बच्चे का नामकरण नारायण पुरी कर दिया गया। ऐसे ही पुलिस हरकत में आकर दोनों पक्षों को थाने में तलब कर लिया। एसपी नितिका गहलोत ने कहा कि मंदिर में छोटा बच्चा दान देने का मामला सामने आने पर मासूम बच्चे को इस प्रकार से बगैर कानूनी प्रक्रियाओं के किसी को सौंपना गलत है।