उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सपा पर दंगा करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने निशाना साधा है। दिल्ली भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (bjp leader sambit patra) ने कहा कि कल ( मंगलवार ) जब प्रधानमंत्री मोदी ने कानपुर में रैली (PM Modi Kanpur Rally) को संबोधित किया, उससे ठीक पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। 

उस वीडियो में एक कार पर कमल के स्टिकर्स लगे हुए थे और प्रधानमंत्री का भी एक पोस्टर गाड़ी के पीछे लगा हुआ था। पात्रा (sambit patra) ने उस वीडियो के बारे में बताते हुए कहा कि बीच चौराहे पर गाड़ी को रोककर लाल टोपी पहने हुए सपा के कार्यकर्ताओं ने उस गाड़ी को तोड़ दिया और उसमें आगजनी की कोशिश भी की गई। इस गाड़ी में जब लोग तोड़फोड़ कर रहे थे, उस समय सपा छात्र सभा के सचिव सचिन केसरवानी (Sachin Kesarwani) भी वहां मौजूद थे।

पात्रा ने आगे बताया कि बाद में जब पुलिस और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से जांच हुई तो पता चला कि ये गाड़ी भी भाजपा के कार्यकर्ता की नहीं बल्कि सपा छात्र सभा के ही दूसरे नेता अंकुर पटेल (ankur patel) की गाड़ी थी और इस गाड़ी को भाजपा की गाड़ी के रूप में सजाया गया था। संबित पात्रा (sambit patra) ने आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया। इस कार को भाजपा के बैनर से सजा कर उसमें तोड़-फोड़ करते हुए वीडियो शूट करके उसे वायरल कर दिया गया, ताकि पीएम मोदी की रैली (PM modi rally) में मौजूद लोग और भाजपा कार्यकर्ता भड़क जाएं और रैली स्थल एवं शहर में दंगे जैसे हालात पैदा हो जाएं।

पात्रा ने लाल टोपी को खतरा बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होने जो कहा था वह सच हो रहा है। पात्रा ने सपा के दौर को माफियाराज और गुंडाराज बताते हुए आरोप लगाया कि सपा शहर में हिंदू-मुस्लिम दंगा करवाने की कोशिश कर रही थी। मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक गवाह द्वारा एटीएस पर लगाए गए आरोप के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पात्रा ने कहा कि यह कांग्रेस की साजिश थी और राहुल गांधी लगातार हिंदुओं पर कुठाराघात कर रहे हैं। उन्होने राजस्थान में दलितों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार का जिक्र करते हुए चयनात्मक राजनीति करने के लिए प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) पर भी निशाना साधा।