उत्तर, पश्चिम और दक्षिण भारत के कई राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के मामलों में छिटपुट वृद्धि देखी जा रही है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में 25 हजार से ज्यादा बतख, कौवे और प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का संक्रमण बर्ड फ्लू कोरोना से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि बर्ड फ्लू के कुछ स्ट्रेन (H1N1 और H7N9) इंसानों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इससे संक्रमित लोगों में लगभग 40 फीसदी तक की मौत हो सकती है। इससे बचने का सबसे सुरक्षित तरीका यही है कि इस दौरान अंडा, चिकन, अधपका मांस खाने से पूरी तरह परहेज रखना चाहिए। 160 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान पर पका भोजन सुरक्षित होता है। अगर आसपास में किसी पक्षी की असामान्य मौत होती है तो उसे सीधे छूने से बचना चाहिए।

वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि एवियन इन्फ्लुएंजा के इंसान से इंसान में फैलने की आशंका बहुत कम है।इस बीच लोगों ने अंडे और चिकन खाना बंद कर दिया है कि कहीं इन्हें खाने से वे एच5एन1 वायरस से संक्रमित न हो जाएं। जबकि एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रसार और अंडों के सेवन के बीच कोई संबंध ही नहीं है। डॉक्टरों ने डर को दूर करने के लिए कुछ समय तक अधपके पोल्ट्री प्रोडक्ट और मीट खाने से बचने का सुझाव दिया है। ऐसे कोई सबूत उपलब्ध नहीं है जो मांस या अंडे खाने से बर्ड फ्लू होने की बात कहते हों। फिर भी जब तक इसके मामले आना कम नहीं हो जाता है, तब तक प्रभावित क्षेत्र में कच्चे मांस और अंडे खाने से बचना चाहिए।

लोगों को सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए। कच्चा मीट और अंडे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से धोएं। कच्चे मांस को पकाते समय सुनिश्चित करें कि वह अच्छी तरह पके। मुर्गियों के सीधे संपर्क में आने से बचें। यदि मार्केट में जाने के दौरान इनके संपर्क में आना पड़े तो मास्क और ग्लब्स पहनें।