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भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर होती दिख रही है। हालांकि संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़ों में कमी नहीं आ रही है, जो चिंता का विषय है। दूसरी ओर इस जानलेवा वायरस को जड़ से खत्म करने का एकमात्र तरीका अब वैक्सीनेशन ही माना जा रहा है। हालांकि राजस्थान सहित कई राज्य सरकारों का आरोप है कि उन्हें केंद्र से पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन नहीं मिल रहे हैं, जिससे टीकाकरण प्रभावित हो रहा है।
वहीं केंद्र सरकार का दावा है कि अगले माह तक वैक्सीन का उत्पादन बढ़ेगा। केंद्र सरकार लगातार टीकों की कमी खत्म करने के प्रयास कर रही है। इसी बीच बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन कॉर्बेवैक्स जल्द ही आने वाली है। माना जा रहा है कि कॉर्बेवैक्स देश में उपलब्ध होने वाली सबसे सस्ती कोरोना वैक्सीन हो सकती है। इसके दो डोज की कीमत 400 रुपए से भी कम होने की उम्मीद है। बायोलॉजिकल ई की मैनेजिंग डायरेक्टर महिला दतला ने इसके संकेत दिए हैं। हालांकि अभी इस वैक्सीन को आधिकारिक मंजूरी मिलना बाकी है और कीमत को अंतिम रूप देने पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार वैक्सीन के बेहतर परिणाम को देखते हुए भारत सरकार ने 30 करोड़ वैक्सीन डोज की प्री-बुकिंग की है, जिसके लिए केंद्र की तरफ से 50 रुपए प्रति डोज के हिसाब से 1500 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा भी मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि तीसरी लहर को वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है, लेकिन देश में वैक्सीन की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि अभी सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 300 रुपए प्रति डोज और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपए प्रति डोज है। वहीं भारत बायोटैक की कोवैक्सिन की एक डोज राज्य सरकार के लिए 400 रुपए जबकि प्राइवेट अस्पतालों के लिए 1200 रुपए है। रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी की कीमत 995 रुपए प्रति डोज तय की है।
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