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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी करार दिया और कहा कि अकलियत और इंसाफ की बात आती है तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू) कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सभी एक जैसे हो जाते हैं।
ओवैसी ने नाथनगर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी कांग्रेस है। उन्होंने कहा कि भागलपुर का सांप्रदायिक दंगा कांग्रेस के शासन में हुआ। इसके बाद राजद की बिहार में सरकार बनी लेकिन मुस्लिम-यादव का समीकरण तो बताया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि दंगाई उनके चहेते थे।
सांसद ने कहा कि राजद के बाद जदयू का शासन आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने। हद तो तब हो गई जब न्यायालय ने 16 लोगों को दंगा के एक मुकदमे में सजा सुनाई। इनमें से नौ लोग उच्च न्यायालय से बरी हो गए, लेकिन नीतीश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील की अर्जी नहीं दी इसलिए हम्माम में सब नंगे हैं। ओवैसी ने कहा कि यहां मौजूद युवाओं को बताना जरूरी है कि कांग्रेस राज के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उस वक्त के पुलिस अधीक्षक का तबादला और निलंबन रोक दिया था। इसके बाद नरसंहार हुए। जिस खेत में गोभी उगाई जाती है उसमें सैकड़ों लाशें दफन की गई। जिस पुलिस अधीक्षक की नाक के नीचे कत्लेआम हुआ उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया।
उन्होंने कहा कि किनसे इंसाफ की उम्मीद करेंगे, ये सब एक ही हैं। सांसद ने कहा कि बीते पांच साल पहले राजद-जदयू-कांग्रेस ने संघ मुक्त बिहार का नारा देकर वोट हासिल की थी। उनमें से नीतीश कुमार ने बाद में भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार बना ली। सब झूठ बोल कर वोट बंटोरने की फिराक में है। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
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