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बिहार में दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव में गोपालगंज जिले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और पूर्व सासंद अनिरूद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव , पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के पौत्र आसिफ गफूर, समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह, पूर्व सासंद काली प्रसाद पांडेय तथा ‘खाकी’ के बाद ‘खादी’ की शोभा बढ़ाने के लिये चुनावी रण में उतरे भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी सुनील कुमार की प्रतिष्ठा दाव पर है।
गोपालगंज विधानसभा सीट से सियासी पिच पर जीत की ‘हैट्रिक’ जमा चुके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुभाष सिंह इस बार ‘चौका’ मारने की फिराक में हैं, वहीं उनके विजयी रथ को रोकने के लिये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व मुख्यंमंत्री राबड़ी देवी के भाई अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव तथा महागठबंन ने कांग्रेस को सीट देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के पौत्र आसिफ गफूर को चुनावी रणभूमि में उतार दिया है, जिससे इस सीट पर चुनावी परिणाम रोचक होने की उम्मीद है। इस सीट पर 21 पुरुष और एक महिला समेत 22 प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतरे हैं।
वर्ष 2015 में भाजपा के सिंह ने राजद के रियाजुल हक उर्फ राजू को 5074 मतों के अंतर से परास्त किया था। राजद प्रत्याशी राजू इस बार बरौली विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र में बहुबलियों के बीच चुनावी जंग देखने को मिलेगी। इस सीट पर राजग के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के बाहुबली विधायक अमरेन्द्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय सियासी पिच पर चौका मारने के बाद अब ‘पांच का दम’ दिखाने की पुरजोर कोशिश में हैं वहीं उनके विरुद्ध लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से बागी पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडेय को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। लोजपा के टिकट पर पहली बार चुनावी संग्राम में उतरे रवि पांडे और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) की नवोदित खिलाड़ी सुनीता देवी दोनों धुरंधर नेताओं को चुनौती देने में लगी है। इस सीट पर 12 पुरुष और एक महिला समेत 13 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में हुंकार भर रहे हैं।
वर्ष 2015 में जदयू के पांडेय ने लोजपा के काली पांडेय को 3562 मतों के अंतर से पराजित किया। वहीं, इस सीट पर 2015 में तीसरे नंबर पर रही नोटा को 7510 मत मिले थे। बैकुंठपुर विधानसभा सीट से भाजपा के निवर्तमान विधायक मिथिलेश तिवारी को चुनावी संग्राम में चुनौती देने के लिये (राजद) ने सत्ता के नये खिलाड़ी पूर्व विधायक स्व. देवदत्त प्रसाद के पुत्र प्रेम शंकर प्रसाद को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। जदयू से बगावत कर पूर्व मंत्री स्व. ब्रज किशोर नारायण सिंह के पुत्र पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपनी तकदीर आजमा रहे हैं। इस सीट पर 13 प्रत्याशी चुनावी दंगल में हैं जिनमें 12 पुरुष एक महिला शामिल है। वर्ष 2015 में भाजपा उम्मीदवार तिवारी ने जदयू प्रत्याशी सिंह को 14115 मतों के अंतर से मात दी थी।
इस सीट पर सर्वाधिक चार ब्रज किशोर नारायाण सिंह प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जबकि स्व देवदत्त प्रसाद तीन बार वहीं मंजीत सिंह ने दो बार जीत का स्वाद चखा है। बरौली सीट से राजद ने अपने निवर्तमान विधायक मोहम्मद नेमतुल्लाह की जगह पूर्व विधायक रियाजुल हक उर्फ राजू को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय पर फिर दाव लगाया है। (बसपा) के शाह आलम, राजग और महागठबंधन के उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं। इस सीट पर 14 पुरूष और चार महिला समेत 18 प्रत्याशी भाग्य आजमां रही है। इस सीट पर भाजपा से बगावत कर चितलाल प्रसाद भी निर्दलीय चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं।
वर्ष 2015 में राजद के नेमतुल्लाह ने भाजपा के श्री राय को बेहद कड़े मुकाबले में महज 504 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। भोरे(सु) सीट से पूर्व मंत्री चंद्रिका राम के पुत्र और कांग्रेस के निवर्तमान विधायक अनिल कुमार के भाई पूर्व आइपीएस अधिकारी सुनील कुमार सेवानिवृति के बाद खाकी के बाद अब खादी की शोभा बढ़ाने के लिये जदयू की टिकट पर चुनावी रण में उतर आये हैं। इस बार के चुनाव में यह सीट महागठबंधन में तालमेल के तहत भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के पाले में चली गयी है। इस वजह से निवर्तमान विधायक कुमार की जगह भाकपा माले की टिकट पर सत्ता के नये खिलाड़ी जीतेन्द्र पासवान चुनावी रण में उतरे हैं।
वहीं लोजपा ने भी नयी खिलाड़ी पुष्पा देवी पर दाव लगाया है। इस सीट पर नौ पुरूष और दो महिला समेत 11 प्रत्याशी मैदान में जोर आजमाइश कर रहे हैं। वर्ष 2015 में कांग्रेस के कुमार ने भाजपा के इंद्रदेव मांझी को 14871 मतों के अंतर से परास्त कर दिया था। हथुआ सीट पर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री और जदयू के निवर्तमान बिहार रामसेवक सिंह की प्रतिष्ठा दाव पर है वहीं राजद ने राजेश कुमार को पार्टी का टिकट दिया है। वर्ष 2015 में कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमायी थी लेकिन उन्हें तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। लोजपा ने रामदर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना किन्नर को अपना उम्मीदवार बनाकर कर मुकाबले को रोचक बना दिया है। इस सीट पर 15 प्रत्याशी चुनावी संग्राम में डटे हैं, यहां कोई महिला प्रत्याशी नहीं है। वर्ष 2015 में जदयू के सिंह ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) उम्मीदवार महाचंद्र प्रसाद सिंह को 22984 मतों के अंतर से मात दी थी।
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