नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तथा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि संसद के मानसून सत्र में पार्टी जनहित के मुद्दों को उठाएगी और उनको लेकर सरकार को घेरने का काम करेगी। खड़गे और चौधरी ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी अगले सप्ताह से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने, पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के साथ ही महंगाई, बेरोजगारी, संघीय ढांके पर हमले, अग्निपथ और देश के वर्तमान माहौल से जुड़े मुद्दों को उठाएगी और सरकार को घेरने का काम करेगी। 

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस बैंकों के निजीकरण को भी मुद्दा बनाएगी। उनका कहना था कि कांग्रेस की सरकार ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 27 सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर 22 कर दी है और अब दो और बैंकों को मर्ज कर इनकी संख्या 20 की जा रही है। इस तरह से मोदी सरकार बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया पर तेजी से आगे बढ़ रही है। 

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खड़गे ने कहा कि आर्थिक हालत देश के समक्ष बड़ी चुनौती है। रुपए की कीमत लगातार घट रही है और नफरत की भावनाएं और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है लेकिन सरकार उन्हें रोकने का प्रयास नहीं कर रही है और ना ही आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई ठोस कदम उठा पा रही है। चौधरी ने कहा कि 17 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उनका कहना था कि सरकार जनता के मुद्दों की अनदेखी कर रही है इसलिए विपक्ष उन पर चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री की बैठक के बाद विपक्ष में समान विचारधारा के दलों की बैठक होगी जिसमें संसद सत्र के दौरान विपक्षी दलों की रणनीति पर विचार किया जाएगा।