मोदी सरकार ने गुरुवार दिवाली  से पहले देश के लाखों कंपनियों और कर्मचारियों को बड़ी राहत  देने का ऐलान किया है।  सरकार ने इस राहत पैकेज  में प्रधानमंत्री भारत रोजगार योजना के तहत लाखों कामगारों  और नौकरी देने वाले वाले नियोक्ताओं को फायदा देने का फैसला किया है। 

इतना ही नहीं, सरकार ने उन लाखों बेरोजगारों की भी चिंता की है, जिनकी नौकरी देश में छह महीने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान चली गई थीं।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के राहत पैकेज का ऐलान किया है, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन  से जुड़े कर्मचारियों और नियोक्ताओं  के फायदे की बात कही गई है। 

प्रधानमंत्री भारत रोजगार योजना का मकसद देश में नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है।  इसके तहत जो कंपनियां नए लोगों को रोजगार दे रही हैं यानी जो पहले से ईपीएफओ  के दायरे में नहीं आते थे, उन्हें इसका फायदा मिलेगा. इसका सबसे बड़ा फायदा 15,000 रुपए से कम मासिक सैलरी पाने वालों या फिर 1 मार्च 2020 से लेकर 31 अगस्त 2020 के बीच नौकरी गंवाने वाले लोगों को इसका फायदा मिलेगा।  यह स्कीम 1 अक्टूबर 2020 से लागू की गई है। 

इसके साथ ही, अगर ईपीएफओ के तहत रजिस्टर संस्थाएं या कंपनियां अगर नई नौकरी देती हैं, तो प्रधानमंत्री भारत रोजगार योजना से उन्हें फायदा भी फायदा मिलेगा।  किसी संस्था में 50 से कम कर्मचारी है और वह 2 से ज्यादा लोगों को नौकरी देती है, तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा।  जिन कंपनियों में 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं, उन्हें कम से कम 5 लोगों को नियुक्त करने पर इस स्कीम का लाभ मिलेगा।  यह योजना अगले साल 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। 

पीएफ खातों में अंशदान जमा करेगी सरकार

इसके अलावा, देश की जिन कंपनियों में 1000 से कम कर्मचारी कार्यरत हैं, उस कंपनी के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी और कंपनी के हिस्से की 12 फीसदी रकम सरकार पीएफ खातों में अंशदान के रूप में जमा कराएगी. जिन कंपनी में 1000 से ज्यादा कर्मचारी होंगे, वहां सिर्फ कर्मचारियों के हिस्से का 12 फीसदी का अंशदान सरकार देगी. इसके लिए आधार के साथ कर्मचारियों को पीएफ खाता खुलेगा. इसके तहत, 2 साल तक पैसा आएगा. देश के 95 फीसदी कर्मचारियों को इसका फायदा होगा.