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झारखंड में मॉब लिंचिंग (Mob lynching in Jharkhand) की एक बड़ी घटना हुई है। राज्य के सिमडेगा जिले में यह घटना हुई मंगलवार को 150 लोगों की भीड़ ने एक युवक को जिंदा जलाकर मार डाला। घटना के बाद मौके पर तनाव की स्थिति है। बड़ी संख्या में पुलिस के जवान घटनास्थल पर तैनात हैं। मामले की छानबीन जारी है।
भीड़ ने संजू प्रधान नाम के युवक पर खूंटकटी कानून (violating the pegging law) के उल्लंघन का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि युवक पेड़ों को काटकर गैरकानूनी रूप से बेचता था। जिससे इस कानून का उल्लंघन हो रहा था। मृतक के परिजनों के मुताबिक ग्रामीणों ने युवक को घर से बाहर निकाला और उसकी पिटाई की इसके बाद उसे जिंदा जला कर मार डाला।
घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान घटनास्थल पर तैनात है। मामले की छानबीन तेजी से की जा रही है। इस निर्मम हत्या से मृतक के परिजनों का बुरा हाल है। वहीं इस घटना के बदला लेने में कोई और बड़ी घटना ना हो जाए इसे लेकर इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। इस घटना से एक बार फिर झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर जैसे मुद्दे पर सवाल खड़ा हो गया है।
घटना को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren ) ने सिमडेगा डीसी को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। सिमडेगा के एसपी डॉक्टर शम्स तबरेज ने बताया कि खूंटकटी जमीन से पेड़ काटने को लेकर युवक की हत्या की गई है। मृतक का अपराधिक इतिहास रहा है। मृतक संजीव को पीटता देख उसकी मां और पत्नी ने भीड़ से गुहार लगाई। लेकिन पिटाई करने वालों ने किसी की नहीं सुनी।
झारखंड में हाल ही में मॉब लिंचिंग रोकथाम विधेयक (Mob Lynching Prevention Bil) को विधानसभा में पारित किया गया था। मॉब लिंचिंग रोकथाम विधेयक 2021 के तैयार मसौदे के अनुसार मॉब लिंचिंग के दोषी को सश्रम आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके तहत लिंचिंग का अपराध सिद्ध होने पर शुरुआत में 1 साल का कारावास हो सकता है। वहीं से बढ़ाकर 3 साल तक के लिए भी किया जा सकता है।
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