केरल हाईकोर्ट ने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में एक बड़ा निर्देश दिया है। उच्‍च न्‍यायालय ने सोमवार को टीकाकरण अभियान में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र में पहली खुराक लेने के 28 दिन बाद कोविशील्ड की दूसरी खुराक लगाई जा सकती सकती है लेकिन यह समय सीमा सरकार की ओर से मुफ्त आपूर्ति किए जाने वाले टीकों पर लागू नहीं होगी।

अदालत ने कहा कि बैठकों के लिए जाने वाले अधिकारियों और विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को दो खुराक के बीच मौजूदा 84 दिनों के अंतर में छूट दी गई है। ऐसे में जब टीके पहले ही कंपनियों द्वारा खरीदे जा चुके हैं कोविशील्ड की दूसरी डोज देने में देरी करना उचित नहीं है। 

कंपनियों के काइटेक्स समूह ने पिछले महीने दायर अपनी याचिका में अदालत को बताया था कि उन्होंने अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली वैक्सीन की खुराक खरीद ली है। ऐसे में यदि टीके लगाए जाने में देरी की जाती है तो खरीदी गई वैक्‍सीन खराब हो सकती हैं जिससे उन्हें फेंकना होगा। केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित गाइडलाइन के मुताबिक कोविशील्‍ड की पहली खुराक देने के बाद दूसरी डोज 84 दिनों के बाद दी जा सकती है।

किटेक्स समूह ने इसका विरोध किया था। वहीं केंद्र सरकार ने याचिका में दी गई दलीलों का पुरजोर तरीके से विरोध किया था। वहीं अदालत ने केंद्र सरकार की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि पहले से ही अधिकारियों और छात्रों को छूट दी गई है। ऐसे में कर्मचारियों को दूसरी खुराक में देरी करना उचित नहीं है और इसे दिया जा सकता है।

हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि 28 दिन की अवधि के बारे में दिया गया उसका फैसला सरकार की ओर से की जा रही मुफ्त आपूर्ति कोटे पर लागू नहीं होगी। अदालत ने पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार को बताने के लिए कहा था कि कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के लिए 84 दिनों का अंतराल क्यों लगाया गया है। अदालत ने यह भी पूछा था कि क्या इस अंतराल को कम करना संभव है यदि टीके स्वयं पार्टियों द्वारा खरीदे जाते हैं।

अदालत ने केंद्र से यह भी पूछा कि बताएं कि क्या समय अंतराल इसलिए बढ़ाया गया था कि इसके बेहतर प्रभावकारिता परिणाम होंगे या समय पर टीकों की सोर्सिंग में समस्याओं के कारण इसे बढ़ाया गया था। केंद्र सरकार ने एक अन्‍य मामले में केरल हाईकोर्ट को बताया था कि कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच निर्धारित अंतराल वैक्सीन की किल्लत के कारण नहीं बल्कि इसके असर को लेकर है।