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अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता नेड प्राइस ने भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे सबसे अहम सहयोगियों में से एक है। हम भारत के वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरने और क्षेत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका का स्वागत करते हैं।
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत की। ये पिछले 15 दिनों में दूसरी बार है जब अमेरिकी विदेश मंत्री ने एस. जयशंकर से फोन पर बातचीत की है। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका की साझेदारी और अपनी साझा चिंताओं पर चर्चा की। म्यांमार में हालात को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। ब्लिंकेन ने म्यांमार में हुए तख्तापलट पर चिंता जाहिर की और कहा कि म्यांमार में कानून का शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कायम रहना जरूरी है।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग की अहमियत पर विस्तार से चर्चा हुई। प्राइस ने कहा, दोनों पक्षों ने क्वैड समेत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। क्वैड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वैड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को काउंटर करने के तौर पर देखा जाता रहा है।प्राइस ने कहा कि भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी के कई आयाम हैं और इसका दायरा काफी विस्तृत है। प्राइस ने कहा, हम अंतरराष्ट्रीय संगठनों में मिलकर काम कर रहे हैं। अमेरिका भारत का सबसे अहम व्यापारिक साझेदार भी है और साल 2019 में दोनों देशों के बीच 146 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसके अलावा, अमेरिकी कंपनियां भारत में विदेशी निवेश का बड़ा स्रोत भी हैं।प्राइस ने अमेरिका और भारत के लोगों के बीच कायम रिश्ते का भी जिक्र किया और कहा कि अमेरिका में करीब 40 लाख भारतीय अमेरिकी रहते हैं और अपने-अपने क्षेत्र में अहम योगदान दे रहे हैं।वहीं, चीन को लेकर एक बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने कहा था कि चीन के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सख्त रुख बिल्कुल सही था। ब्लिंकेन ने संकेत दिए कि बाइडेन प्रशासन भी चीन के खिलाफ मजबूती से खड़ा होगा।फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |