
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने गोबर के बाद अब गो- मूत्र खरीदने के दिए संकेत रायपुर 31 मार्च(वार्ता)छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार गोबर खरीदने के बाद अब गौ-मूत्र की खरीद करने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कल यहां आयोजित बैठक में गौ-मूत्र की खरीद के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
बघेल ने गौ-मूत्र खरीद के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए टेक्निकल कमेटी के गठन के निर्देश दिए। इस कमेटी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। श्री बघेल ने इस कमेटी के गठन के बाद 15 दिनों में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह टेक्निकल कमेटी गौ-मूत्र के संग्रहण, गौ-मूत्र की गुणवत्ता की टेस्टिंग, गौ-मूत्र से तैयार किए जाने वाले उत्पादों के बारे में अपनी अनुशंसा देगी।
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मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गौ-मूत्र खरीदी के संबंध में किया गया मंथन।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 30, 2022
▪️विभिन्न पहलुओं पर विचार करने टेक्निकल समिति गठन के दिए निर्देश।
▪️टेक्निकल कमेटी गौ-मूत्र के संग्रहण, गुणवत्ता की टेस्टिंग आदी के विषय में 15 दिनों में देगी अनुशंसा। pic.twitter.com/Z05u8DCfL3
बैठक में बताया गया कि गौ-मूत्र से बॉयो फर्टिलाईजर और बॉयो इनसेक्टिसाइडस तैयार किए जाते हैं गौ-मूत्र में यूरिया सहित अनेक मिनिरल और इंजाइम्स भी होते हैं। फर्टिजलाईजर के रूप में गौ-मूत्र का उपयोग करने से सूक्ष्म पोषक तत्व नाईट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का अवशोषण बढ़ता है। पौधों की ऊंचाई और जड़ में अच्छी वृद्धि होती है,मिट्टी में लाभकारी जीवाणु बढ़ते हैं और गौ-मूत्र में पाये जाने वाला यूरिया बहुत से कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करता है। बैठक में यह भी बताया कि प्रदेश में गौ-वंशीय और भैस वंशीय पशुओं की संख्या 111 लाख से अधिक है।
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