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बुश्किल हर माह 2 हजार रुपये की कमाई करने वाले 34 वर्षीय बेंगलुरू के चरवाहे के होश उस समय उड गए जबके उसके बैंक अकाउंट (Bank Account) में हुए 2 करोड़ रुपये के लेने देन का मामला सामने आया। इसको लेकर माल एवं सेवा कर (GST) का भुगतान करने के लिए 40 लाख रुपये का नोटिस जारी किया गया। बेंगलुरु के बगलूर (Bagalur) के चोक्कनहल्ली गांव का ई मुनिराजू पशुओं को चराने और दूध बेचने का काम करते हैं। उसकी महीने में किसी तरह से दो हजार रुपये की आय होती है। लेकिन नोटिस मिलने के बाद जब वह बैंक गया तो उसने देखा कि उसके अकाउंट में उससे पूछे बिना ही किसी ने 2 करोड़ रुपये का लेनदेन किया है। मुनिराजू ने इस मामले में अपने एक परिवारिक मित्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
मुनिराजू ने बगलूर पुलिस में लिंगराजपुरम निवासी पारिवारिक मित्र ज़ांसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उसने बताया कि सरकार से ‘गाय ऋण’ दिलाने के बहाने जांसी ने किस तरह उसका पैन कार्ड, आधार और बैंक खाते के विवरण की प्रतियां ली थीं और उसे शक है कि उसने ही यह धोखाधड़ी की है। पुलिस का कहनाहै कि अतिरिक्त वाणिज्यिक कर आयुक्त (प्रवर्तन), वाणिज्यिक कर विभाग, कर्नाटक सरकार द्वारा मुनिराजू को नोटिस जारी किया गया था। चरवाहे ने बताया कि वह और उसकी पत्नी एक गाय खरीदना चाहते थे ताकि वह एक व्यवसाय शुरू कर सकें। अप्रैल में, मुनिराजू की मां की एक दोस्त, ज़ांसी ने उन्हें सरकार से ‘गाय ऋण’ दिलाने का आश्वासन दिया। ज़ांसी सब्जी विक्रेता हैं और उनके पति व्यवसायी हैं।
मुनिराजू ने बताया कि ज़ांसी और मेरी मां एक-दूसरे को सालों से जानते हैं। ज़ांसी ने मुझे मेरे पैन और आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने के लिए कहा था। साथ ही, उसने मेरी पत्नी के पैन और आधार की फोटोकॉपी भी मांगी थी। मेरी पत्नी और मेरा बगलूर में एक बैंक में संयुक्त खाता है। हमने गाय ऋण के लिए उसकी भी फोटो कॉपी दी थी। कुछ महीने बाद, ज़ांसी ने मुनिराजू से कहा कि ऋण मिलने का काम चल रहा है। कुछ दिन बाद जांसी ने कहा कि उसके मोबाइल पर लोन मिलने से संबंधित एक ओटीपी आएगा, जिसे उसे बताना होगा। लोन मिलने की खुशी में मैंने जांसी को ओटीपी बता दिया था।
मुनिराजू के मुताबिक उसे 20 अगस्त को ओटीपी आया था, लेकिन उसे काफी दिनों तक लोन नहीं मिला। इसके बारे में जब मैंने जांसी से पूछा तो उसने बताया कि मेरा लोन आवेदन खारिज कर दिया गया है। 12 अक्टूबर को वाणिज्यिक कर विभाग के एक अधिकारी ने मुझे फोन किया और कहा कि मेरे बैंक खाते में 2 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, जिसके लिए मैंने कोई जीएसटी नहीं चुकाया है। इसलिए, मुझे 40 लाख रुपये का टैक्स देना होगा।
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