पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए हर प्रमुख राजनीतिक दल बंगालियों लुभाने में लगा है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने में जुटी हुई है और बीजेपी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ को तोड़ने लगी हुई है। पिछले ही दिन यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई रैलियों को संबोधित किया। अब बीजेपी केंद्र सरकार बंगाल में ममता का किला ढहाने के लिए एक चाल चली है। जिसमें आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने जूट पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की संभावना जताई है।

सूत्रों ने जानकारी दी है कि समिति 6-7% की वृद्धि पर विचार कर रही है। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र ने फरवरी 2019 में कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2019-20 सीजन के लिए पिछले सीजन के मुकाबले 3,700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 3,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। अब विधानसभ चुनाव के चलते  मौके पर चौका मारने की फिराक में हैं बीजेपी सरकार। हाल ही में सामने आए एक बयान में कहा गया MSP से उत्पादन की औसत लागत अखिल भारतीय पर 55.81 प्रतिशत का लाभ होगा।

इसी के साथ कच्चे जूट के MSP से किसानों को उचित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने और जूट की खेती में निवेश और इस तरह देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले यह फैसला लिया गया है। चुनाव का फायदा उठाकर बीजेपी सरकार बंगालियों को लुभाने में लग गई है। जानकारी के लिए बता दें कि बंगाल राज्य जूट उत्पादकों का केंद्र है। देश में लगभग 70 जूट मिलें हैं, जिनमें से लगभग 60 पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के दोनों किनारों पर हैं।