पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात कर राज्य में आयी प्राकृतिक आपदाओं पर मुआवजे और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) (BSF) के राज्य में दखल का मुद्दा उठाया। 

बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) को ज्यादा ताकत मिलेगी, तो इससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर असर पड़ेगा। ऐसे में ये ध्यान रखना चाहिए कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय होता है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में हमने देखा कि कैसे सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। सीमा सुरक्षा बल से से जुड़ी ऐसी ही कई घटनाएं, उत्तर दिनाजपुर और राज्य के सीमावर्ती इलाकों में हुई हैं, इसलिए मैंने मोदी से निवेदन किया है कि वह इस मुद्दे के बारे में चर्चा करें और ये सुनिश्चित करें कि राज्य के संघीय ढांचे की भावना को किसी तरह की ठेस न पहुंचे। 

उन्होंने कहा, सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) हमारे दुश्मन नहीं हैं। मैं सभी एजेंसियों की इज्जत करती हूं, लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है, इससे उसमें टकराव होता है। राजनीतिक तौर पर आपके साथ हमारे जो भी मतभेद हैं, वे रहेंगे क्योंकि आपकी और हमारी पार्टी की विचारधारा अलग है, लेकिन ऐसा न हो कि केंद्र और राज्य के रिश्तों पर कोई असर पड़े। राज्य का विकास होने से केंद्र का विकास होता है।

बनर्जी ने कहा कि उन्हें अब तक 96,605 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं, जो कि केंद्र सरकार को राज्य में आयी प्राकृतिक आपदा के मुआवजे के तौर पर देना था। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान त्रिपुरा में हुई राजनीतिक हिंसा (Political violence in Tripura) का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि मैंने मोदी के सामने त्रिपुरा हिंसा (violence in Tripura) को लेकर भी बात की, ये भी बताया कि कैसे हमारी कार्यकर्ता शायनी घोष को निशाना बनाया गया। उन्हें गिरफ्तार किया गया। प्रधानमंत्री से त्रिपुरा हिंसा के मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया। बनर्जी ने मोदी से पश्चिम बंगाल की जरूरत के अनुसार कोविड टीके की खुराक की आपूर्ति करने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री को पश्चिम बंगाल में होने जा रहे ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस मीट’ के लिए आमंत्रित भी किया।