अरूणाचल प्रदेश के रहने वाले एक युवक ने ऐसा काम करने जा रहा जिसकी बदौलत हजारों लोगों को दुनिया में उनकी पहचान मिलेगी। इस युवक का नाम बन्वांग लोसू है। यह युवक अरूणाचल की जन—जातिय भाषा वांचो की स्क्रिप्ट लिखा रहा जिसके बाद उसको यूनिकोड में डाल डाला जाएगा। वांचो भाषा उत्तरी अरूणाचल के लोगों की है जो तिब्बत तथा बर्मीज भाषाई लोगों के मिलने से बनी है।

वांचो भाषा को नई पहचान दिलाने वाले बन्वांग अभी पुणे के डेक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट से लैंग्वेजिस्टिक में मास्टर्स की डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होने वांचो भाषा की स्क्रिट विकसित कर रहे हैं। इस भाषा को अरूणाचल प्रदेश के लोंगदिंग जिले में रहने वाले वांचो जन—जाति के बोलते हैं। यह भाषा बोलने वालों की यहां पर संख्या 55000 है। इससे पहले 2013 में वो 'वांचो स्क्रिप्ट' नाम से एक किताब भी प्रकाशित कर चुके हैं।

बन्वांग की किताब में वर्णों की बेसिक एप्लीकेशंस है​ जिनको शब्दों तथा वाक्यों में उपयोग किया गया है। यह नई स्क्रिप्ट लोंगदिंग जिले में वांचों भाषा बोलने वालों के लिए एक बहुत ही महान काम के रूप सामने आने वाली है जिसके बाद उनको एक नई पहचान मिलेगी।