अफगानिस्तान के बाद अब पाकिस्तान में बगावत होने वाली है क्योंकि यहां पर बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हथियार उठा लिए हैं। 20 अगस्त को पाकिस्तान के ग्वादर में हुए आत्मघाती हमले में 2 बच्चों की मौत हो गई है और 3 लोग घायल हो गए थे। यह हमला चीनी नागरिकों को ले जा रहे एक वाहन को निशाना बनाकर किया गया था। इस हमले में किसी चीनी नागरिक की मौत नहीं हुई है। यह आत्मघाती धमाका ग्वादर बंदरगाह के ईस्ट बे रोड पर शाम करीब सात बजे हुआ। ग्वादर बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में है, जहां अलगाववादी उग्रवादियों ने लंबे समय से विद्रोह छेड़ रखा है। बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। BLA ने एक बयान में कहा है कि BLA ने चीनी इंजीनियरों के एक काफिले के खिलाफ हमला किया है।

BLA बलोचिस्तान, पाकिस्तान का एक उग्रवादी संगठन है जिसका मकसद पाकिस्तान से बलोचिस्तान को आजाद कराना है। BLA का कहना है कि पाकिस्तान सेना बलोचिस्तान में स्थानीय लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करती है। बलूच राष्ट्रवादी मानते हैं कि पाकिस्तान ने कभी भी बलूचिस्तान की बेहतरी के लिए कदम नहीं उठाए हैं और यहां के संसाधनों का सिर्फ दोहन किया है। पाकिस्तान सहित कई देश इसे आतंकी संगठन मानते हैं। BLA 1970 के करीब से बलोचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रही है। हाल के सालों में BLA ने पाकिस्तान में कई जगहों पर हमले किए हैं।

BLA गुरिल्ला हमले करने के लिए जानी जाती है। साल 2021 में BLA अब तक कम से 12 हमले कर चुकी है। साल 2020 के एक हमले में BLA ने पाकिस्तान के 16 जवानों को मार डाला था। BLA बलोचिस्तान के क्षेत्र में अधिक सक्रिय है लेकिन पाकिस्तान के अन्य प्रदेशों में भी उसकी गतिविधि रही है। BLA आधिकारिक तौर पर साल 2000 में बनी है लेकिन साल 1973 से पहले से ही आज़ाद बलोचिस्तान की लड़ाई में शामिल रही है। पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान पर BLA को सपोर्ट करने का आरोप लगाता रहा है जिसका दोनों देश विरोध करते रहे हैं।

कायद-ए-आज़म-रेसीडेंसी वो जगह है जहां मुहम्मद अली जिन्ना ने अपने जीवन के आख़िरी दिन बिताए थे। 15 जून 2013 को इस बिल्डिंग पर रॉकेट से हमला किया गया था जिसके बाद इमारत ध्वस्त हो गई थी। इसकी जिम्मेदारी BLA ने ली थी। BLA उग्रवादियों ने स्मारक स्थल से पाकिस्तान का झंडा हटाकर BLA का झंडा लगा दिया था। बाद में इस बिल्डिंग को फिर से बनाया गया और 14 अगस्त 2014 को पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज़ शरीफ़ के लिए रेसीडेंसी को खोला गया था।