वर्तमान दौर में दौलत हासिल करने के लिए लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार होते हैं, मगर मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में एक सराफा कारोबारी ने तो 11 करोड़ की संपत्ति को दान कर दिया, साथ ही पूरे परिवार ने सांसारिक जीवन को त्यागकर दीक्षा लेने का ऐलान किया है।

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बताया गया है कि यहां के सराफा कारोबारी राकेश सुराना ने अपनी 11 करोड़ की संपत्ति गौशाला और धार्मिक संस्थानों को दान कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पत्नी लीना और बेटे अमय के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ पर चलने का ऐलान किया है। यह तीनों सदस्य जयपुर में आयोजित एक समारोह में दीक्षा भी लेने वाले हैं।

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सुराना ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि उनका हृदय परिवर्तन महेंद्र सागर महाराज और मनीष सागर महाराज के प्रवचन से मिली प्रेरणा के कारण हुआ और उसके चलते ही उन्हें धर्म, अध्यात्म और आत्म स्वरूप को पहचानने की प्रेरणा मिली। उनकी पत्नी लीना जो अमेरिका में पढ़ी है, उन्हें बचपन से ही संयम पथ पर जाने की इच्छा थी, इतना ही नहीं बेटा अमय जब 4 साल का था तभी वह संयम के पथ पर जाने की बात करता था, मगर बहुत कम उम्र होने के कारण उन्होंने सात साल तक इसके लिए इंतजार किया। 

राकेश सुराना की बालाघाट में सोने-चांदी की एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी मगर धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ा और करोड़ों की संपत्ति हो गई। उन्हें नाम और शोहरत दोनों ही हासिल हो चुके हैं मगर उन्होंने यह संपत्ति दान कर वैराग्य के मार्ग पर चलने का फैसला ले लिया। स्थानीय लोगों की मानें तो उनकी मां ने भी गृहस्थ जीवन त्याग कर दीक्षा ली थी और उनकी एक बहन भी दीक्षा ले चुकी है, अब वह मां और बहन की राह पर चल पड़े हैं और दीक्षा लेने जा रहे हैं।