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दलित परिवार की शादी में हंगामा और मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई शालिगराम गर्ग को छतरपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। बड़ी बात यह है कि पीड़ित परिवार ने जमानत का विरोध नहीं किया। हालांकि पुलिस ने कोर्ट से रिमांड की मांग की, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। तीन घंटे तक चली सुनवाई के दौरान बागेश्वर धाम सरकार के छोटे भाई के वकील ने कहा कि वायरल वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं हुई। कोर्ट में कहा गया कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बढ़ती प्रसिद्धि को धूमिल करनी की कोशिश भी हो सकती है।
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आपको बता दें कि 11 फरवरी को छतरपुर में गढ़ा गांव के एक दलित परिवार में शादी समारोह चल रहा था। इस दौरान सौरव उर्फ शालिग्राम अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंचा और गुंडागर्दी शुरु कर दी। इस दौरान बीच बचाव करने आए कुछ दलित युवकों के साथ उसने मारपीट भी की। इस दौरान सौरव ने तमंचा निकाल लिया और बार-बार गोली चलाने की धमकी देने लगा। हालांकि उसके साथ जैसे-तैसे उसे लेकर चले गए।
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हालांकि पहले पीड़ित परिवार ने मामला दर्ज नहीं कराया, लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परिजनों ने केस दर्ज कराया। पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर शालिग्राम को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद शुक्रवार को उसे जमानत मिल गई। वहीं छोटे भाई का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद बागेश्वर धाम सरकार ने सफाई दी थी। बागेश्वर धाम सरकार ने कहा था कि हम गलत के साथ नहीं हैं। जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। इश मामले में कानून निष्पक्षता के साथ अपना काम करेगा। बागेश्वर सरकार ने इस पूरे विवाद से खुद को अलग कर लिया था।
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