लेबनान (Lebanon) अपने दो सबसे बड़े बिजली संयंत्रों (power plants) के ईंधन की कमी के कारण बंद होने के बाद अपने सबसे बड़े बिजली संकट का सामना कर रहा है। केंद्र से उत्पन्न बिजली की अचानक कमी के कारण छह मिलियन लोग अंधेरे में डाल दिए गए हैं। दो मुख्य बिजली संयंत्र (power plants), ज़हरानी पावर स्टेशन और डायर अम्मार प्लांट को डीजल की आपूर्ति में कमी की सूचना के बाद बंद करना पड़ा।



सरकारी अधिकारी ने बताया कि बिजली का उत्पादन "अगले सोमवार तक या कई दिनों तक फिर से शुरू होने की संभावना नहीं थी"। सेना के ईंधन तेल भंडार का उपयोग करके अस्थायी रूप से बिजली संयंत्रों (power plants) को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है, हालांकि, इस तरह की कार्रवाई करने में अभी भी काफी समय लगेगा।


जानकारी के लिए बता दें कि यह ऐसे समय में हुआ है जब भारत द्वारा कोयले (coal) की आपूर्ति में कमी की सूचना के बाद दुनिया वैश्विक ऊर्जा संकट का सामना कर रही है और चीन पहले ही कुछ शहरों में ब्लैकआउट (blackout) देख चुका है। हालांकि, 2020 में बेरूत गैस विस्फोट के बाद सरकार के गिरने के बाद कई स्रोत लेबनान के बिजली आउटेज के लिए सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।


भारत के कुछ उत्तरी और दक्षिणी राज्य पहले से ही बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं। भारत की राजधानी, नई दिल्ली, बिजली (POWER CUT) की कमी की चपेट में आने वाली अगली जगह होने की संभावना है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सर्दियों के दौरान भी ईंधन को बहाल नहीं किया जा सकता है।