उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद व अशरफ पर प्रयागराज मेडिकल कॉलेज परिसर में दनादन गोलियां दागकर पूरे प्रदेश और देश को हिला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले तीन शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और शनि सिंह को आज कड़ी सुरक्षा के बीच प्रतापगढ़ जिला कारागार लाया गया।

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प्रतापगढ़ जिला कारागार के जेलर राजेश पाण्डेय से मिली जानकारी के अनुसार तीनों शूटरों को प्रयागराज के नैनी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच यहां जिला जेल में लाया गया है। इन तीनों को जिला जेल में दाखिल कर लिया गया है। पहले इन शूटरों को प्रयागराज की नैनी जेल में रखा गया था लेकिन इस जेल में अतीक के कई गुर्गे बंद हैं, जिसके बाद एहतियातन इन तीनों को यहां शिफ्ट किया गया है।

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पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि हमलावरों में से एक लवलेश तिवारी पहले भी जेल जा चुका है। लवलेश कई बार घर आता था और पांच-छह दिन पहले भी बांदा में था। लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने कहा था, वह मेरा बेटा है. हमने टीवी पर घटना देखी। हमें लवलेश की हरकतों की जानकारी नहीं है और न ही इससे हमारा कोई लेना-देना है। वह कभी यहां नहीं रहता था और न ही वह हमारे पारिवारिक मामलों में शामिल था। उसने हमें कुछ नहीं बताया। वह पांच-छह दिन पहले यहां आया था। हम सालों से उसके साथ बात नहीं कर रहे हैं। उसके खिलाफ पहले से ही मामला दर्ज है। उस मामले में उन्हें जेल हुई थी।

वहीं कासगंज के रहने वाले सन्नी के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं और वह हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से फरार चल रहा था। उनके पिता की मौत हो गई थी और उन्होंने पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा बेचकर घर छोड़ दिया था। सनी पांच साल से अपने परिवार, अपनी मां और भाई से मिलने नहीं गया। उसका भाई चाय की दुकान चलाता है। शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा, वह इधर-उधर घूमता था और कोई काम नहीं करता था। हम अलग रहते हैं और नहीं जानते कि वह अपराधी कैसे बन गया. हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

तीसरा शूटर हमीरपुर का रहने वाला अरुण मौर्य बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था। उसका नाम 2010 में ट्रेन में एक पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में जुड़ा था। वह दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करता था. आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह कुख्यात अपराधी बनना चाहता था, इसलिए उन्होंने अतीक की हत्या की। हालांकि पुलिस अभी तक उनके कबूलनामे पर विश्वास नहीं कर रही है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि तीनों आरोपियों को इतने महंगे हथियार किसने दिए, जिसका इस्तेमाल हत्या में किया गया।