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उत्तर प्रदेश में प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा के बीच अतीक अहमद और उसके भाई को गोलियों से भूनने वाले शूटर्स लॉरेंस बिश्वोई से प्रभावित थे। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद ये तीनों लॉरेंस बिश्नोई की तरह बनने के लिए जुगत में लग गए थे। पुलिस पूछताछ में तीनों हत्यारों सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई से प्रभावित होकर उसके जैसे किसी बड़े कांड को अंजाम देने की तैयारी की थी।
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लॉरेंस के संपर्क में था शूटर सनी सिंह
अभी तक की जांच में सामने आया कि शूटर मोहित उर्फ सनी सिंह लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में भी आया था। सनी सिंह एक मामले में वह हरियाणा के पानीपत जेल में बंद था। इसी दौरान जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई से उसकी पहचान हुई थी। अरुण मौर्य भी इसी जेल में बंद था। वहीं दोनों लॉरेंस बिश्नोई से प्रभावित हुए थे। मोहित पर करीब 18 केस दर्ज हैं। तीनों शूटरों के पास से तुर्किए मेड 9 एमएम जिगाना पिस्टल बरामद की गई है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास सबसे अधिक जिगाना पिस्टल है। इस गैंग के पकड़े कई शूटरों के पास यह महंगी पिस्टल बरामद की जाती रही है। पिस्टल की बरामदगी ने इस शूटआउट से लॉरेंस बिश्नोई का नाम जोड़ना शुरू कर दिया है। हालांकि, शूटरों की पहचान पहले से इस अपराधिक सरगना से थी।
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पहले भी जेल जा चुका है तिवारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि हमलावरों में से एक लवलेश तिवारी पहले भी जेल जा चुका है। लवलेश कई बार घर आता था और पांच-छह दिन पहले भी बांदा में था। लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने कहा था, वह मेरा बेटा है। हमने टीवी पर घटना देखी। हमें लवलेश की हरकतों की जानकारी नहीं है और न ही इससे हमारा कोई लेना-देना है। वह कभी यहां नहीं रहता था और न ही वह हमारे पारिवारिक मामलों में शामिल था। उसने हमें कुछ नहीं बताया। वह पांच-छह दिन पहले यहां आया था। हम सालों से उसके साथ बात नहीं कर रहे हैं। उसके खिलाफ पहले से ही मामला दर्ज है। उस मामले में उन्हें जेल हुई थी।
सनी पर दर्ज हैं 14 मामले
वहीं कासगंज के रहने वाले सन्नी के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं और वह हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से फरार चल रहा था। उनके पिता की मौत हो गई थी और उन्होंने पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा बेचकर घर छोड़ दिया था। सनी पांच साल से अपने परिवार, अपनी मां और भाई से मिलने नहीं गया। उसका भाई चाय की दुकान चलाता है। शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा, वह इधर-उधर घूमता था और कोई काम नहीं करता था। हम अलग रहते हैं और नहीं जानते कि वह अपराधी कैसे बन गया. हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इसलिए की थी अतीक की हत्या
तीसरा शूटर हमीरपुर का रहने वाला अरुण मौर्य बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था। उसका नाम 2010 में ट्रेन में एक पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में जुड़ा था। वह दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करता था। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह कुख्यात अपराधी बनना चाहता था, इसलिए उन्होंने अतीक की हत्या की। हालांकि पुलिस अभी तक उनके कबूलनामे पर विश्वास नहीं कर रही है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि तीनों आरोपियों को इतने महंगे हथियार किसने दिए, जिसका इस्तेमाल हत्या में किया गया।
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