मंगल ग्रह के सफर में अगर कोई चालक दल का सदस्य मर जाता है तो उसके शव को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए कई महीने या कई साल लग सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष में किसी यात्री की मौत हो गई तो शव को नष्ट करने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं। इसके तहत शव को अनंत अंतरिक्ष में छोड़ देना या मंगल ग्रह पर दफन करना शामिल है। 

हालांकि वे कहते हैं कि सतह को खराब होने से बचाने के लिए शव को पहले मंगल ग्रह पर जलाना होगा। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि अंतरिक्ष में सबसे खराब स्थिति में जब खाना खत्म हो गया हो तो अंतरिक्ष में खुद को जिंदा रखने के लिए केवल एक ही चीज खाने योग्य बची रहेगी, वह है अपने दोस्त का शव। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी की मंगल ग्रह के 17 करोड़ मील के रास्ते में मौत हो जाती है तो शव को तब तक उसे कोल्ड स्टोरेज या फ्रीज में रखा जा सकता है, जब तक कि अंतरिक्ष यान उतर नहीं जाता है।

लाल ग्रह पर शहर बसाने का सपना देखने वाले स्पेसएक्स कंपनी के सीईओ और अरबपति बिजनसमैन एलन मस्क ने कहा था, अगर आप मंगल ग्रह पर जाना चाहते हो तो मरने के लिए तैयार रहो। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अभी तक अंतरिक्ष में हुई मौत के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं बनाया है लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इसे कोल्ड स्टोरेज में रखा जा सकता है। अंतरिक्ष में फ्रीज पृथ्वी की तुलना में बेहद अलग तरीके का होगा। इसमें शव को एक कैप्सूल के अंदर रखा जाएगा जहां अंतरिक्ष में यह बर्फ में ढंक जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि लाशों को अंतरिक्ष में छोड़ना सबसे आसान विकल्प है लेकिन भविष्य में जाने वाले रॉकेट को लाशों के समुद्र से गुजरना होगा क्योंकि मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती रहेगी। यही नहीं जब मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्री पहुंच जाएंगे तो उन्हें अपने जीवन को बचाने के लिए एक नई चुनौती रेडिएशन से जूझना पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि हर मरे हुए अंतरिक्षयात्री को दफनाया नहीं जा सकता है, बल्कि उन्हें खाया जा सकता है ताकि अन्य अंतरिक्षयात्री वहां पर जिंदा रह सके। 

यह सुनने में बहुत ही क्रूर भले ही लगे, लेकिन विशेषज्ञ एंडेस पहाड़ पर वर्ष 1972 में गिरे एक विमान के बारे में याद करते हैं। इस दौरान बचे हुए यात्रियों के पास न तो जिंदा रहने के लिए खाना था और नहीं संपर्क का उपाय तो उन्होंने मरे हुए यात्रियों को ही खाने का फैसला किया। जैव विशेषज्ञ पॉल कहते हैं कि इस संबंध में दो तरीका है। हालांकि हम किसी इंसान के शव को बहुत सम्मान देते हैं लेकिन जिंदगी बचाए रखना सबसे जरूरी है। अगर जिंदगी को बचाने के लिए केवल शव को खाना ही एकमात्र रास्ता है तो यह स्वीकार है लेकिन वांछनीय नहीं है। इस विमान पर उरुग्वे की रग्बी टीम सवार थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर मंगल मिशन के खाने की सप्लाई बाधित हुई तो अंतरिक्षयात्री बहुत ही जल्द बिना भोजन के हो जाएंगे।