असम में नलबाड़ी जिला प्रशासन ने मतदाताओं को जागरूक करने और उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 200 लोक कलाकारों की मदद ली है। उपायुक्त भारत भूषण देव चौधरी ने बताया कि इस अभियान से युवाओं में पारंपरिक कला रूपों के बारे में भी रुचि पैदा हुई है।  देव चौधरी ने सूचना दी कि उन्होंने चमाता, बेलसोर, गोंडिया, कोईहाटी और अन्य स्थानों से लोक कलाकारों का चयन किया है।
उन्होंने बताया कि मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकताओं को देखते हुए पटकथाएं और संगीत तैयार किया गया है। लोक कलाकार ‘पुटोला नाच' (कठपुतली), ‘ओजपली', ‘धुलिया', ‘बिया नाम', ‘आई नाम' और ‘माहो हो' सहित विभिन्न कला विधाओं पर प्रस्तुति देंगे।
उन्होंने बताया कि इस पहल से गरीब और उपेक्षित कलाकारों को आर्थिक मदद भी मिलेगी। देव चौधरी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मैं निचले असम का हूं जो लोक संस्कृति में बहुत ही समृद्ध स्थान रखता है। दुर्भाग्यवश, कई लोक कलाएं कई सालों से करीब करीब उपेक्षित हो गई हैं। उन्होंने बताया कि जब मैं इस साल की शुरूआत में डीसी बना, मैंने खत्म हो रहे कला प्रारूपों को पुर्नजीवित करने के बारे में सोचा।
मुझे लगा कि लोकतंत्र के महोत्सव, अपने चुनाव के दौरान उनका उपयोग करने से बेहतर भला और क्या हो सकता है। नलबाड़ी जिले की मंगलदै, गुवाहाटी और बारपेटा लोकसभा सीटों में 5.6 लाख से अधिक मतदाता हैं और 690 मतदान केन्द्र है। मंगलदै में आज और गुवाहाटी तथा बारपेटा में 23 अप्रैल को मतदान होगा।