
असम के एक गांव ने स्वच्छता के मामले में मिसाल पेश की है। शिवसागर जिले के अंतर्गत आने वाले देवालया ज्ञान गांव ने उन चार गांवों में जगह बनाई है जिनको असम सरकार द्वारा सबसे स्वच्छ गांव करार दिया है। सोनोवाल की भाजपा सरकार ने राज्य में स्वच्छता कैंपेन चलाया था जिसके तहत चार गांवों को क्लीन और ग्रीन के रूप में चुना गया है।
हालांकि देवालया ज्ञान गांव को तीन भागों में बांटा गया गया था जिनमें पुरूष, महिलाएं और युवा शामिल थे। इन सभी ने एकसाथ मिलकर बांस की झाझू लेकर पूरे गांव को साफ—सुथरा बनाने के लिए रोज सफाई करते हुए दूसरों के सामने मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं बल्कि इन लोगों ने गांव में बनी सड़क के किनारों पर 200 से अधिक आयुवेर्दिक नीम के पौधे भी लगाए हैं।
इन लोगों न सिर्फ अपने गांव को साफ किया बल्कि गांव वालों ने डोर—टू—डोर कैंपेन चलाकर लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता लाने का काम भी किया। इस कैंपेन में नारी सुरक्षा समाज ने भी समय—समय पर उनका साथ दिया है। बताया गया है कि 6 सितंबर 2018 को फोरेस्ट मैन इंडिया जादव पायेंग ने इस गांव का दौरा किया था जिसके बाद वो वापस नहीं आए।
गांव वालों के इस प्रयास से गांव को रिन्यूबल एनर्जी सोर्स फ्रेंडली भी बनाया गया है जिसके तहत यहां पर 20 सोलर लाइटें लगाई गईं। इस गांव के लोगों ने पूरे भारत में स्वच्छता का संदेश पहुंचाने के लिए स्वच्छ भारत के नारों वाले स्वागत द्वार भी बनाए हैं।
Another 'Clean & Green Village' success story.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) October 12, 2019
The residents of Dewalaya Gayan village, Sivasagar are on a mission to reduce single use plastic and make the village tobacco free, realising PM Shri @narendramodi ji's vision of #SwachhBharat.
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