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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को अभी निलंबित रखने का फैसला किया है। इंटरनेट सेवा शुक्रवार सुबह 9 बजे तक अभी निलंबित ही रहेगी। इस समय असम में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लगातार प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शनों के कारण बीते 11 दिसंबर से प्रदेश में इंटरनेट सेवा निलंबित है।
बीजेपी विधायकों के एक समूह ने गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की। विधायकों ने सीएम से संशोधित नागरिकता अधिनियम के संबंध में लोगों के बीच भय और संदेहों को दूर करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। बीजेपी विधायक पद्मा हजारिका ने मुख्यमंत्री के आवास पर बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि बीजेपी के लगभग 14 विधायकों ने सीएम को बताया है कि इस कानून की वजह से लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले बुधवार को असम में बड़े पैमाने पर लोग सड़कों पर उतर आए। अखिल असम छात्र संघ ककी तरफ से बुलाए गए इस मार्च में लाटासिल प्लेग्राउंड से दिगलीपुखुरी बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और अपनी गिरफ्तारी दी। मारवाड़ी युवा मंच, पूर्वोत्तर हिंदुस्तान समाज के सदस्यों के साथ-साथ मुस्लिमों, गोरखाओं, सिखों, जैनों जैसे समुदायों के प्रतिनिधियों ने भी यहां विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
विरोध प्रदर्शन के बीच मंगलवार को ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल हो गईं लेकिन मोबाइल और इंटरनेट सेवा को बंद ही रखा गया। इसेससे मोबाइल ऐप और अन्य ऑनलाइन सेवाओं पर निर्भर लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों के कई ग्राहकों ने बताया कि लोगों को ऑनलाइन रुपये निकालने या स्थानांतरित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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