असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि उनको चुनाव में मुस्लिम समाज का वोट नहीं चाहिए। सरमा ने कहा कि उन्होंने तय कर लिया है कि उन्हें मुस्लिम वोट लेने ही नहीं। हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि अपने कार्यकाल में उनके लिए काम नहीं करेंगे। सीएम ने कहा कि 5 साल वे मित्र बनकर रहेंगे और उनके लिए भी विकास कार्य करेंगे।

हिमंता ने असम, NRC, मुस्लिम ध्रुवीकरण, बीफ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बोला है कि असम में मुस्लिम समेत सभी वर्गों के लिए विकास का काम हो रहा है लेकिन चर्चा सिर्फ अतिक्रमण हटाओ अभियान की होती है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इससे पहले कि आप मेरे प्रेम प्रस्ताव को अस्वीकार कर दें, क्यों न मैं ही पहले आपको ठुकरा दूं। उनके साथ हमारा कोई राजनीतिक रिश्ता नही है, मैं जानता हूं कि मियां हमारे लिए वोट नहीं करेंगे, मैं भी उनका वोट नहीं चाहता हूं, लेकिन वे हमारे दोस्त बनेंगे।

हिमंता ने कहा कि पीएम आवास के तहत 4.5 लाख आवास मुस्लिमों (Home to muslim votes) को दिए जा रहे हैं। हम अपने असम के मुस्लिमों के साथ संवाद कर रहे हैं, उनकी बेहतरी के लिए काम कर हैं।