नासा ने चांद के लिए अपनी टीम तैयार की है जिसमें भारतीय अमेरिकी राजाचारी भी शामिल हैं। आपको बता दें कि नासा ने साल 2024 में चांद पर इंसान भेजने के अपने मिशन के लिए 18 ऐस्ट्रोनॉट्स की प्रारंभिक टीम चुन ली है। इस टीम का हिस्सा भारतीय-अमेरिकी मूल के ऐस्ट्रोनॉट राजाचारी भी हैं। ये आर्टेमस टीम इसके आगे दूसरे मिशन्स पर भी काम करेगी। बता दें कि आर्टेमस मिशन पर पहली महिला और अगले पुरुष को भेजने का नासा का इरादा है।
उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने इस टीम का बुधवार को ऐलान किया। राजाचारी के पिता हैदराबाद से शिफ्ट हुए थे। ऐस्ट्रोनॉट कॉर्प्स में साल 2017 में शामिल हुए थे। अमेरिका की एयरफोर्स में कर्नल राजाचारी को ऐस्ट्रोनॉटिकल इंजिनियरिंग में बैचलर की डिग्री और ऐरोनॉटिक्स और ऐस्ट्रोनॉटिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल की। अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल ग्रैजुएट ने नासा में आने से पहले एफ-15ई अपग्रेड और फिर एफ-35 डिवेलपमेंट प्रोग्राम में काम किया।
इस टीम के ऐस्ट्रोनॉट्स नासा को चांद के मिशन के लिए तैयार करेंगे। अगले साल से इसे लेकर तैयारियां की जाएंगी। एजेंसी के कमर्शल पार्टनर के साथ मिलकर ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम पर काम किया जा रहा है। इस टीम में से ऐस्ट्रोनॉट्स का चुनाव किया जाएगा जो चांद पर भेजे जाएंगे। ऐस्ट्रोनॉट्स के लिए फ्लाइट असाइनमेंट्स का ऐलान बाद में किया जाएगा।
अभी इस टीम के लिए इंटरनैशनल ऐस्ट्रोनॉट्स का चयन बाद में किया जाएगा और फिर वे इसमें शामिल होंगे। नासा के ऐडमिनिस्ट्रेटर जिम बाइडेनस्टीन का कहना है। हम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के समर्थन के लिए आभारी हैं। साथ ही नासा के साइंस ऐरोनॉटिक्स रिसर्च टेक्नॉलजी डिवेलपमेंट और ह्यूमन एक्सप्लोरेशन गोल के समर्थन के। चीफ ऐस्ट्रोनॉट पैट फॉरेस्टर ने कहा कि चांद पर वापसी से पहले हमारे पास बहुत से काम हैं और पूरी ऐस्ट्रोनॉट कॉर्प्स की इसमें मेहनत लगेगी।