पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी में तख्तापलट हो चुका है और राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में रखा गया है। इस तख्तापलट के पीछे सेना के कर्नल ममादी डोंबोया का हाथ बताया जा रहा है। कर्नल डोंबोया को कभी राष्टपति का सबसे भरोसेमंद माना जाता था और यहां तक कि कई मौकों पर उन्हें प्रेसिडेंट की सुरक्षा में तैनात रहने के दौरान छाता पकड़कर पीछे खड़े भी देखा गया था, लेकिन अब राष्ट्रपति के इस भरोसेमंद सिपाही ने ही उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया है।

ताजा घटनाक्रम में बागी सैनिकों ने रविवार को राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी की और फिर कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही सरकारी टेलीविजन पर सरकार को भंग करने का ऐलान भी कर दिया। कर्नल ममादी डोंबोया ने ऐलान करते हुए कहा कि देश की सीमाओं को बंद कर दिया गया है और इसके संविधान को अवैध घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, देश को बचाना सैनिक का कर्तव्य है, हम अब एक आदमी को सत्ता नहीं सौंपेंगे, हम इसे लोगों को सौंपेंगे। 

अभी तक यह साफ नहीं है कि सेना के भीतर डोंबोया को कितना समर्थन हासिल है या फिर बीते एक दशक से भी अधिक समय से राष्ट्रपति के सबसे वफादार रहे अन्य सैनिक नियंत्रण अपने हाथों में लेने का प्रयास करेंगे या नहीं। गिनी की सेना जुंटा ने सोमवार को कहा कि गिनी के सभी गवर्नर की जगह स्थानीय कमांडर लेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी तरह का इनकार देश के नए सैन्य नेताओं के खिलाफ विद्रोह माना जाएगा।