कल्पना कीजिए ऐसे विशालकाय पक्षी की जिसकी तुलना डायनासोर से की जा सके। 21 फीट लंबे पंख, एक बार उड़ान भरे तो कई दिन तक नहीं थके। समुद्र पर विचरण करे, लेकिन इस कल्पना को वैज्ञानिकों ने पंख लगा दिए हैं। अमरीकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसे विशालकाय पक्षी के जीवाश्म की खोज की है जो लगभग पांच करोड़ साल पहले पृथ्वी पर पाया जाता था। 

अब तक के अध्ययन से खुलासा हुआ है कि इस पक्षी के पंख 21 फीट लंबे होते थे। अंटार्कटिका से 1980 के दशक में बरामद जीवाश्म से पुष्टि हुई कि ये पक्षी दक्षिणी समुद्रों में विचरण वाले पक्षियों के विलुप्त समूह के सबसे पुराने विशालकाय सदस्यों का प्रतिनिधित्व करते थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक समुद्र के ऊपर विचरण करने वाले पक्षियों में वांडरिंग अल्बाट्रॉस को सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी माना जाता है। इनके पंख, सभी परिंदों में सबसे ज्यादा लंबे यानी साढ़े 11 फीट तक फैल सकते हैं। पेलेगोर्निथिड कहे जाने वाले पक्षियों ने आज के अल्बाट्रोस की तरह कम से कम छह करोड़ वर्षों तक पृथ्वी के महासागरों में राज किया और सैकड़ों किमी लंबी उड़ान भरी।

अमरीका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में जो शोध हुआ वह पेलगोर्निथिड जीवाश्म पर आधारित है। यह जीवाश्म जबड़े की हड्डी का हिस्सा है जिसे 4 करोड़ साल पुराना माना जा रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस पक्षी का यह जीवाश्म रहा होगा वह विशालकाय था। उसके पंख पांच से छह मीटर लंबे रहे होंगे। पृथ्वी से डायनासोर के विलुप्त होने के बाद ही ये तेजी से विशाल आकृति के साथ अस्तित्व में आए। ये पक्षी लंबे समय तक महासागरों के ऊपर घूमते रहे।

वैज्ञानिकों की अवधारणा के मुताबिक ये पक्षी कई सप्ताह तक समुद्र के ऊपर उड़ते रहते थे। उस काल में समुद्र पर व्हेल और सील का राज नहीं होता था। ये पक्षी आसानी से समुद्र के अंदर विचरण करते थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस जीवाश्म से यह भी पता चलता है कि अंटार्कटिका उस समय से लेकर अब तक काफी गरम हो गया है। इसके बाद से वहां पर पेंग्विन का जन्म हुआ। अंटार्कटिका उस समय बेहद समृद्ध और विविधता से भरा इलाका था।