15 अगस्त को अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा करने के तीन हफ्ते बाद तालिबान ने अपनी सरकार का ऐलान कर दिया है।  मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को मंत्रि परिषद का प्रमुख यानी नई सरकार का मुखिया बनाया गया है।  तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इसकी जानकारी दी। 

तालिबान ने बताया है कि अभी एक केयरटेकर कैबिनेट सरकार की जिम्मेदारी संभालेगी।  मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद सरकार के सुप्रीम लीडर बने हैं।  तालिबान ने बिना किसी खास समारोह के सरकार की घोषणा की है, समारोह बुधवार को हो सकता है। 

तालिबान की अंतरिम सरकार इस तरह है

- अखुंद के डिप्टी - मुल्ला बरादर

- गृह मंत्री - सिराजुद्दीन हक्कानी

- रक्षा मंत्री - मौलवी मोहम्मद याकूब

- विदेश मंत्री - मौलवी आमिर खान मुतक्की

- सेना प्रमुख - मुल्ला फजल अखुंद सेना प्रमुख

- डिप्टी चीफ ऑफ इंटेलिजेंस - मुल्ला ताज मीर जवाद

- नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्यूरिटी प्रमुख - मुल्ला अब्दुल हक वासिक

- शरणार्थी मामलों के मंत्री - खलीलउर्रहमान हक्कनी

तुर्की ने कहा- मान्यता देने में जल्दबाजी न करें

अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने से ठीक पहले तुर्की के विदेश मंत्री यूसुफ एरिम ने अहम बयान दिया है।  यूसुफ ने कहा- हमारी दुनिया को यही सलाह है कि वो तालिबान की सरकार को मान्यता देने में किसी तरह की जल्दबाजी न करें। 

पाकिस्तान विरोधी रैली पर फायरिंग

इधर, काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली पर तालिबान ने फायरिंग कर दी।  इससे मची भगदड़ में कई महिलाओं के घायल होने की खबर है।  वहीं इस प्रदर्शन को कवर रहे न्यूज के कैमरामैन वाहिद अहमदी को तालिबान ने गिरफ्तार कर लिया।  बता दें पंजशीर की जंग में पाकिस्तान के दखल से अफगानिस्तान के लोगों में गुस्सा है और वे लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों में काबुल के लोग गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं।  ऐसा ही एक प्रदर्शन काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर चल रहा था, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं।  यहां लोगों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने हवाई फायरिंग कर दी।