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खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने जालंधर में आखिरकार सरेंडर कर दिया। जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) स्वर्णदीप सिंह ने सोमवार को बताया कि अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास सरेंडर किया। उन्होंने बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब भी फरार है, जिसकी तलाश अभी तक जारी है।
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इसी बीच वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल सिंह को लेकर तमाम बड़े खुलासे हुए हैं। अमृतपाल और उसके करीबियों के ठिकानों से बड़ी मात्रा में हथियार मिले हैं। खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला है कि अमृतपाल अपनी प्राइवेट आर्मी बना रहा था, जिसका नाम आनंदपुर खालसा फोर्स रखा था। विदेशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों और ISI के इशारों के बाद ही अमृतपाल दुबई से भारत लौटा था। वह मानव बम बनने के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने में लगा हुआ था। पुलिस ने अमृतपाल के घर से AKF मार्क वाली जैकेट्स और हथियार बरामद किए हैं। इतना ही नहीं जल्लूपुर खेड़ा गांव के गेट और दीवारों पर AKF लिखा हुआ था। इतना ही नहीं अमृतपाल सिंह नशामुक्ति केंद्रों और गुरुद्वारे का इस्तेमाल हथियार जमा करने और युवाओं को आत्मघाती हमले के लिए तैयार करने के लिए कर रहा था।
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पंजाब पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल और उसके समूह 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की, जिसमें पुलिस ने संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया था हालांकि, जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने के बाद अमृतपाल भाग निकलने में सफल रहा। बता दें कि संगठन के सदस्यों ने पुलिस की ओर से एक गिरफ्तार सदस्य की रिहाई के आश्वासन के बावजूद थाने पर हमला किया। इस दौरान 7 पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए थे। अमृतपाल ने गृहमंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी। इसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
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