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नई दिल्ली। खालिस्तान की मांग करने वाला वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह को खतरनाक सजा मिलने वाली है. क्योंकि उस पर देश का सबसे कठोर कानून लगाया गया है. अमृतपाल सिंह के संगठन के एक वकील का दावा है कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया है. अब उसका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है. वहीं, अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने सरेंडर कर दिया है.
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वहीं, पुलिस के मुताबिक अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है. पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी नेता के 4 करीबियों को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ भेजा है. खबर है कि इन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अब तक अमृतपाल सिंह पर कौन सी धाराओं में कितने केस दर्ज हुए हैं और इनमें उसें क्या सजा हो सकती है.
अजनाला कांड में दर्ज मामला
आनंदपुर खालसा फोर्स के नाम से अपनी निजी सेना रखने वाले अमृतपाल सिंह के खिलाफ पहला मामला अजनाला कांड को लेकर दर्ज हुआ. पिछले महीने 23 फरवरी को पंजाब के अमृतसर स्थित अजनाला में अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी. अपने साथी लवप्रीत तूफान को रिहा कराने लिए अमृतपाल ने अपनी पूरी फौज के साथ अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था. अमृतपाल के समर्थकों ने इस दौरान जमकर हथियार और तलवारें लहराई थीं.
पुलिस हमला करने का दर्ज मामला
अमृतपाल और उसक लोगों ने बैरिकेड्स तोड़कर पुलिस थाने पर हमला किया था जिसमें करीब 6 जवान घायल हुए थे. आखिरकार अजनाला पुलिस ने उपद्रवियों के आगे हार मानते हुए लवप्रीत को रिहा किया था. अमृतपाल के खिलाफ पहला मामला इसी बवाल को लेकर दर्ज किया गया था. पुलिस ने अमृतपाल सिंह के ही एक पूर्व करीबी वरिंदर सिंह की शिकायत पर उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 365, 379B, 323, 506, 148, 149 में मामला दर्ज किया था.
अजनाला कांड में ये हो सकती है सजा
अजनाला कांड में अमृतपाल समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. आईपीसी की धारा 365 किडनैपिंग से जुड़ी है जिसमें 7 साल तक की सजा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आईपीसी की धारा 379बी चोट लगने या जान से मारने की नीयत से की गई चोरी से जुड़ी है. इसमें 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों दिए जा सकते हैं. आईपीसी की धारा 323 में यदि कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों ही सजा दी जा सकती हैं. धारा 506 में किसी को आपराधिक धमकी देने पर 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है.
वहीं, आईपीसी की धारा 148 के अनुसार, घातक हथियारों के साथ उत्पात मचाने पर जिससे किसी की मौत हो सकती हो, इसमें 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसमें दोनों आर्थिक सजा के साथ कारावास भी हो सकता है. धारा 149 गैरकानूनी जमावड़े को लेकर लगाई जाती है, जो एकराय होकर किसी घटना को अंजाम देते हैं. इसमें भीड़ में शामिल हर शख्स पर घटना का आरोप लगाया जा सकता है. इस धारा के तहत अपराध के अनुसार सजा मिलती है.
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हेट स्पीच पर केस दर्ज
अमृतपाल पर दो हेट स्पीच के भी मामले दर्ज हैं. भड़काऊ भाषण देने पर आईपीसी की धारा 153A और 153AA के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं, कुछ मामलों में धारा 505 भी जोड़ दी जाती है. इन मामलों में 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसमें संभावना है कि वारिस पंजाब दे के चीफ पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है. उसके 4 करीबियों पर भी एनएसए के तहत कार्रवाई हुई है.
आर्म्स एक्ट में एफआईआर दर्ज
आनंदपुर खालसा फोर्स से जुड़े लोगों से जब्त अवैध हथियारों को लेकर अमृतपाल सिंह समेत कई समर्थकों पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत सात साल की कैद से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. इसमें जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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